*बुजुर्ग बंदी को मिली जेल से रिहाई, स्वयंसेवी संस्था ने जमा कराए 3425 रुपये का जुर्माना, सजा पूरी होने के बाद भी जेल में था बंद*
उन्नाव। जिला कारागार में बंद एक वृद्ध कैदी राम किशन को स्वयंसेवी संस्था की मदद से रिहाई मिल गई। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, लखनऊ की प्रतिनिधि मीना सोनी ने उनकी जुर्माना राशि 3425 रुपये कोर्ट में जमा कराई। राम किशन, जो शिवबक्स खेड़ा, थाना माखी के रहने वाले हैं, एक मारपीट के मामले में दोषी पाए गए थे। अपनी सजा पूरी करने के बाद भी वह केवल जुर्माना राशि न चुका पाने के कारण जेल में बंद थे। अतिरिक्त कारागार मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर और वृद्ध बंदियों की सहायता का प्रावधान है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं ऐसे मामलों में बंदियों की मदद करती हैं। राम किशन के मामले में भी जुर्माना राशि जमा होने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें रिहा कर दिया गया। जेल अधीक्षक ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति को आजादी दिलाती है, बल्कि समाज को सकारात्मक संदेश भी देती है। मीना सोनी ने बताया कि उनकी संस्था का उद्देश्य जरूरतमंद बंदियों को न्यायिक सहायता प्रदान करना है। कई वृद्ध और निर्धन बंदी आर्थिक तंगी के कारण जुर्माना नहीं भर पाते और सजा पूरी होने के बाद भी जेल में रहने को मजबूर होते हैं। ऐसे बंदियों की पहचान कर, उन्हें सहायता उपलब्ध कराना समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।




