शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरी जिंदगी के मिशन है जनता और देश की सेवा का. माध्यम है भारतीय जनता पार्टी. बीजेपी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का आंदोलन है. जब आप एक मिशन में रहते हैं तो आप ये तय नहीं करते कि आप कहां रहेंगे. मिशन ये तय करता है कि आप कहां रहेंगे और कहां काम करेंगे. हम आत्मकेंद्रित राजनीति नहीं करते. हमारी पार्टी औऱ हमारा मिशन जो काम देता है वो पूरी प्रमाणिकता के साथ करते हैं.
उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी, पहले विधायक बना, फिर सांसद रहा, मुख्यमंत्री रहा. जो जिम्मेदारी दी मेहनत से पूरी की. पार्टी ने आदेश दिया है कि फिर लोकसभा का चुनाव लड़ूं तो लोकसभा लड़ रहे हैं. हम अपने बारे में नहीं सोचते, देश के बारे में सोचते हैं और पार्टी तय करती है हम कहां काम करेंगे.
काम का माध्यम है राजनीति: शिवराज
केंद्र में मंत्री बनना या मुख्यमंत्री, कौन सा पद है जरूरी? इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह ने कहा कि काम का माध्यम है राजनीति. आप राष्ट्रीय राजनीति में रहते हुए भी बहन-बेटियों के लिए काम कर सकते हैं. बच्चों के लिए, किसानों के लिए, गरीबों के लिए काम कर सकते हैं. जो पार्टी ने तय कर दिया है, वो करते जाना है. बहन और बेटियों के लिए काम करना मेरे लिए बचपन से एक मिशन रहा है. क्योंकि मैंने मां और बहन-बेटियों के साथ अपने गांव और अपने क्षेत्र में अन्याय होते देखा है.
मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री के बारे में बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोहन यादव बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि वो राज्य को बहुत आगे लेकर जाएंगे. हम सब कार्यकर्ताओं का सहयोग उनके साथ जुड़ा हुआ है. पार्टी ने मुझे लगातार काम दिया है. पार्टी मेरा परिवार है.
कमलनाथ को लेकर कही ये बात
कमलनाथ और नकुलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं पर शिवराज ने कहा कि इस घटना ने कमलनाथ की विश्वसनीयता को खत्म कर दिया है. इसके बाद लोगों को लगता है कि जब ये खुद ही बीजेपी में जा रहे थे तो हम क्यों कांग्रेस में रहें. छिंदवाड़ा से भी कई कट्टर कांग्रेसी बीजेपी में आ रहे हैं. लोगों के मन में सवाल है कि राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध करने पर कांग्रेस को लेकर सवाल है. अब छिंदवाड़ा से बीजेपी सभी सीटें जीतने जा रही है.
‘राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को कोई भविष्य नहीं’
भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी बहुत अपरिपक्व व्यक्ति हैं. उनको देश की समझ नहीं है. देश की संस्कृति और परंपराओं को नहीं जानते. वो भारतीय दर्शन और हिंदुत्व को भी नहीं जानते. ऐसा व्यक्ति कभी भी भारत या किसी भी दल का नेतृत्व नहीं कर सकता. उनकी यात्रा जहां-जहां से गुजरी, उन इलाकों से कांग्रेस साफ हो गई. आज हर कांग्रेसी निराश है. परिवारवाद और वंशवाद के कारण उनको कांग्रेस ढो रही है. वो कांग्रेस को पूरी तरह से साफ करके ही चैन की सांस लेंगे. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को कोई भविष्य नहीं है।
सह संपादक
स्मृति यादव की रिपोर्ट