वहीं आम आदमी पार्टी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर पूछा है कि. Electoral bond का सच कब तक छुपायेगी Modi सरकार? आप ने पोस्ट में लिखा, “SBI के ज़रिए Electoral bond का सच कब तक छुपायेगी Modi सरकार? BJP-Modi को ये डर सता रहा है कि अगर सच सामने आ गया तो जनता को पता चल जाएगा कि Electoral Bond के ज़रिए इन्होंने कितना बड़ा भ्रष्टाचार किया है!”
सवाल यह है कि वह सार्वजनिक हो पाएगा कि नहीं-अखिलेश यादव
हलांकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी इस बात का यकीन नहीं है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का सच सामने आ पाएगा. अखिलेश ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, “पूरे देश की जनता को इस बात की खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कम से कम वह सूची आ जाएगी जिससे पता लग जाएगा कि इलेक्टोरल बॉन्ड किसने दिए है, सवाल यह है कि वह सार्वजनिक हो पाएगा कि नहीं.”
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक डाटा जारी करने के दिए आदेश
आपको बता दें, सोमवार 11 मार्च को Electoral Bond Case में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने के लिए समय सीमा बढ़ा कर 30 जून करने की अपील को खारीज कर दिया. कोर्ट ने एसबीआई से 12 मार्च यानी कल सभी डाटा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उस डाटा तो अपनी वैब साइट पर डालने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने बैंक से पूछा की आपको दिक्कत कहा आ रही है. कोर्ट ने कहा आपके पास तो सील बंद लिफाफा है अब इसे खोले और डाटा उपलब्ध कराए.
इसके साथ ही कोर्ट ने स्टेट बैंक से कहा कि अगर कल शाम तक वो डाटा मुहैया नहीं कराएगी तो उसपर अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है.
सह संपादक
स्मृति यादव की रिपोर्ट