महिलाओं का विज्ञान के क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण होना है आवश्यक -कुलपति
कानपुर नगर, क्राइस्टचर्च महाविधालय के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयु पैक इंटरनेशनल यूनियन आफ प्योर एंड अप्लाइड केमेस्ट्री यूएसए, ग्लोबल वूमेन ब्रेकफास्ट की संस्था के सहयोग से एक दिवसीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने बताया कि एसटीईएम वातावरण में नवाचार और उत्पादकता की मांगों को पूरा करने के लिए विविधता आवश्यक है। महिलाओं का विज्ञान के क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण होना आवश्यक है।
उन्होने कहा कि डिजिटल सशक्तिकरण होने से महिलाए आगे आने वाली पीटी को भी सशक्त कर पायेंगी। प्रो0 मैरी गारसन ने सभी प्रतिभागियों को विज्ञान की महत्व के बारे में बताया तथा युवा पीटी का योगदान भी महत्वपूर्ण बताया। विश्वविधालय के सीडीसी निर्देशक डा0 आरके द्विवेदी ने विविधता का महतव बताया व विविधता किस प्रकार एक विकसित भारत बनाने में सहायक है, इस विषय पर प्रकाश डाला। काॅलेज के प्रचार्य प्रो0 जोसेफ डेनियल के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लाॅरा मैककोनेल सह संस्थापक यूएसए और वीनू पीडिया दक्षिण अफ्रीका से भी व्याख्यान दिया। स्वागत प्रो0 डा0 अनिंदिता भटआचार्य ने किया। संयोजक डा0 ीमत कमल ने शीर्षक की जानकारी दी व बताया कि कैसे विज्ञान एवं प्रौधोगिकी द्वारा सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। इस अवसर परक्राइस्टचर्च, पीपीएम, एनएसआई, सीएसजेएमयू के अनुसंधान विद्धान और पीजी, यूजी अंतिम वर्ष छात्रों ने अपने शोध विषय पर प्रस्तुती दी। तकनीकी सत्र में डा0 ज्योत्सना लाल, डा0 सुधीर गुप्ता, डा0 नथानिएल आदि उपस्थित रहे।
हरिओम की रिपोर्ट