अपनी मांगो को लेकर नगर निगम सफाई कर्मचारियों ने दिया धरना
कानपुर नगर, कानपुर नगर निगम में सफाई कर्मचारियेां द्वारा मकान भतता गलत तरह से काटे जाने के साथ ही मलिकाना हक दिये जाने को लेकर धरना देते हुए प्रदशन किया। वक्ताओं ने कहा 1978 में जारारी राजाज्ञा के अनुसार इन कालोनियों में निवास कर रहे लोगों का किराया शासन द्वारा माफ कर दिया गया था, लेकिन नगर निगम ने शासनादेश की अवहेलना करते हुए माफ किए गए किराये को कर्मचारियों के मकान भत्ता के रूप में गलत नीतियों के तहत अभी तक कटौती काट रहा है।
धरने में उ0प्र0 स्वछकार महासिमिति के प्रदेश अध्यक्ष गोकुल प्रसाद आनन्द तथा महामंत्री कमल वाल्मीकि ने कहा कि 1978 को जारी राजाज्ञा के अनुसार हरजिन कालोनियों में निवास करने वाले सफाई कर्मचारियों को स्वामित्व दिऐ जाने का आदेश था साथ ही इनको कालोनियों से बेदखल न करने के भी आदेश थे। इस शासनादेश को ध्यान में रखकर अन्यजिलों के नगर निगमों में सफाई कर्मचारियों को कालोनियो का किराया भत्ता माफ कर स्वामत्व प्रदान किया जा चुका है, जबकि यहां मकान भत्ता निरन्तर काटा जा रहा है। बताया कि पूर्व में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया था तथा 9 सितम्बर 2020 को मुख्यमंत्री द्वारा कानपुर जिला प्रशासन को जांच के आदेश देकर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा आज तक रिपोर्ट नही दी गयी व आज भी नगर निगम शासनादेश के विरूद्ध हरिजन कालोनियों में निवास कर रहे सफाई कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर रहा है। धरने की अध्यक्षता गोकुल प्रसाद आनन्द व संचालन कमल वाल्मीकि ने किया। इस दौरान हरभजन नन्हेट, इतवारी लाल सेठ, रतन तिलक, देदी लाल सुदर्शन, रमेश चन्द्र, मुकेश गहरवार, राकेश बाल्मीकि, सरुश राका, वीरेन्द्र खरे, जितेन्द्र आजाद आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।
संवाददाता
हरिओम की रिपोर्ट