सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला – लापरवाही से वाहन चलाने पर नहीं मिलेगा बीमा क्लेम
फिरोज खान की रिपोर्ट
नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025 – सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बीमा दावों पर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति की मौत उसकी अपनी लापरवाही, रेसिंग या स्टंट के दौरान होती है, तो बीमा कंपनी उस स्थिति में मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होगी। यह निर्णय देशभर में ऐसे मामलों के लिए एक नजीर के रूप में देखा जा रहा है।
यह फैसला एक विशेष मामले में आया, जिसमें एक युवक की सड़क पर रेसिंग करते समय मौत हो गई थी। उसके माता-पिता ने बीमा कंपनी के खिलाफ दावा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने बेटे की मृत्यु के लिए मुआवजा मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि बीमा पॉलिसी एक अनुबंध है, और यदि दुर्घटना बीमाधारक की जानबूझकर की गई गलती या जोखिम उठाने के कारण हुई है, तो उस स्थिति में बीमा कंपनी भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं मानी जाएगी।
कोर्ट की टिप्पणी: “बीमा सुरक्षा नहीं है जानबूझकर जोखिम के लिए”
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि बीमा का उद्देश्य आकस्मिक दुर्घटनाओं की भरपाई करना होता है, न कि लापरवाही या जानबूझकर की गई गलतियों के परिणामों का मुआवजा देना। अदालत ने कहा कि बीमा पॉलिसी को इस तरह नहीं देखा जा सकता कि वह किसी को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से वाहन चलाने की छूट दे।
कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि बीमा कंपनियां पॉलिसी की शर्तों के तहत ही उत्तरदायित्व निभाती हैं। यदि बीमाधारक ने उन शर्तों का उल्लंघन किया है, जैसे कि स्टंट करना, ओवरस्पीडिंग, रेसिंग आदि, तो बीमा कंपनी भुगतान से इनकार कर सकती है।
परिजनों के लिए चेतावनी और सबक
यह फैसला न केवल बीमा कानून को स्पष्ट करता है, बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि वाहन चलाते समय जिम्मेदारी और सावधानी बेहद आवश्यक है। आजकल युवाओं में रेसिंग और स्टंट का चलन बढ़ता जा रहा है, जो न केवल उनकी जान के लिए खतरा है, बल्कि उनके परिवार को भी गहरे आर्थिक और मानसिक संकट में डाल सकता है।
बीमा कंपनियां अब इस फैसले के बाद और सतर्क हो जाएंगी, और किसी भी बीमा दावे की जांच करते समय यह देखा जाएगा कि दुर्घटना किन परिस्थितियों में हुई। यह फैसला देशभर की बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारकों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।




