मासूम का कलेजा खाने वाले दंपति समेत चार को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, तंत्र-मंत्र के चक्कर में की थी दिल दहलाने वाली घटना
घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में करीब तीन साल पहले एक मासूम को फुसलाकर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म और तंत्र विद्या के लिए उसकी हत्या कर कलेजा खाने के मामले में अपर जिला जज-13 पॉक्सो अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता राम रक्षित शर्मा, प्रदीप पांडेय प्रथम व अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कानपुर नगर की घाटमपुर कोतवाली के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी सात वर्षीय मासूम पुत्री 14 नवंबर 2020 को घर के बाहर से कहीं गायब हो गई थी। दूसरे दिन उसका शव क्षत-विक्षत हालत में गांव के बाहर खेत में मिला था।
मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर गांव निवासी अंकुल, वंशलाल, कमलराम, बाबूराम और सुरेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। दौरान विवेचना पुलिस ने वीरेन और अंकुल के खिलाफ मासूम से दुष्कर्म और हत्या करने व परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना के खिलाफ तंत्र विद्या के लिए मासूम की हत्या करने में सहभागी बनने का साक्ष्य पाने पर उनके खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किए थे।
वहीं अन्य आरोपी वंशलाल, कमलराम, बाबूराम व सुरेश के खिलाफ कोई साक्ष्य न मिलने पर नाम विवेचना में हटा दिए गए थे। मामले की सुनवाई अपर जिला जज-13 पॉक्सो बाकर शमीम रिजवी की अदालत में चल रही थी। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बीते बुधवार को चारों आरोपियों को दोषी करार दिया था।
वहीं शनिवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी अंकुल व वीरेन पर 45-45 हजार रुपये व परुशराम, उसकी पत्नी सुनैना पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने अर्थदंड की आधी धनराशि वादी मुकदमा को दिए जाने के आदेश भी दिए हैं। सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया।
संतान की चाहत में दंपत्ति ने खाया मासूम का कलेजा
एडीजीसी राम रक्षित शर्मा व प्रदीप पांडेय प्रथम ने बताया कि पुलिस की छानबीन में घटनास्थल पर मासूम के शव से अंग गायब मिले थे। वहीं मौके पर मौजूद साक्ष्यों से मामले में तंत्र विद्या के चलते मासूम की हत्या कर उसके अंग निकाले जाने की बात सामने आई। जांच आगे बढ़ने पर दोषी दंपत्ति परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना के विवाह के करीब 19 साल बीतने के बाद भी कोई संतान न होने की बात उजगार हुई। उन्होंने किसी तांत्रिक की सलाह पर मासूम का कलेजा निकालकर खाने से उनके संतान पैदा होने की बात पुलिस को बताई थी। जिसपर दंपत्ति ने अंकुल को रुपये देकर किसी मासूम के कलेजे का इंतजाम करने के लिए कहा था। जिसके चलते अंकुल ने अपने साथी वीरेन के साथ घटना को अंजाम दिया था।
वेंजडीन टेस्ट में दोषियों के हाथों में खून की हुई पुष्टि
एडीजीसी ने बताया कि मामले में दोशी अंकुल उर्फ हूला और वीरन की गिरफ्तारी होने के बाद फॉरेंसिक टीम ने दोनों दोषियों के हाथों व पैनाई के स्वैब का बेंजडीन परीक्षण किया था। जिसमें रक्त की पुष्टि हुई थी। साथ ही पेनाइल के ओबीटी आई चिप परीक्षण में भी रक्त की पुष्टि हुई थी। जिससे दोनों के घटना में शामिल होने की शक गहरा गया था।
संवाददाता
*सुमित सिंह की रिपोर्ट*