उत्तर प्रदेश के 56,000 करोड़ रुपये पर संकट, जानिए पूरा मामला
टाइम्स एंड स्पेस न्यूज
डिस्टिक हेड राहुल द्विवेदी
योगी सरकार ने 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक के स्टांप पेपरों को शून्य करने का आदेश जारी किया है, जिसके तहत 11 मार्च 2025 से पहले खरीदे गए इन मूल्य वर्ग के स्टांप पेपर केवल 31 मार्च 2025 तक ही उपयोग किए जा सकेंगे या वापस किए जा सकते हैं। इस फैसले के बाद प्रदेशभर की ट्रेजरी से स्टांप पेपरों की संख्या का आकलन किया गया, जिसमें कुल 56.29 अरब रुपये के स्टांप पेपर मिले। लखनऊ की ट्रेजरी में ही 1.32 अरब रुपये के स्टांप पेपर रखे गए थे, जो अब बेकार हो जाएंगे। शासन ने समस्त आयुक्त स्टांप, महानिरीक्षक निबंधन, मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
स्टांप पेपर रद्द किए जाने के फैसले के बाद यूपी में स्टांप वेंडरों, वकीलों और आम नागरिकों में हलचल मच गई है, और लोग तेजी से इन्हें वापस करने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। सरकार का यह कदम स्टांप प्रणाली में पारदर्शिता लाने और वित्तीय गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाया गया है, क्योंकि फिजिकल स्टांप पेपर के माध्यम से फर्जी दस्तावेज और कर चोरी के मामले सामने आते रहे हैं। ई-स्टांप प्रणाली को लागू करने से स्टांप की खरीद पूरी तरह डिजिटल हो जाएगी, जिससे सरकारी खजाने को भी लाभ मिलेगा।