श्याम महोत्सव में 108 दीपों की महाआरती:श्याम के जैसा इस दुनिया में कोई दातार नहीं… जैसे भजनों पर झूमे श्रद्धालु
39वें श्री श्याम महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को कोलकाता से आए तुषार चौधरी ने भजन गंगा बहाई। उनके भजन गीत ‘हे री सखी मंगल गाओ रे, चौख पुराओ, माटी रंगाओ, आज मेरे प्रिया घर आए’ जैसे गीतों पर भक्त झूम उठे। मोतीझील में देर रात तक दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
जीवन चरित्र पर आधारित भजन श्री श्याम जी मित्र मंडल के इस महोत्सव के अगले चरण का शुभारम्भ संदीप दीक्षित ने किया। श्री श्याम प्रभु खाटू वाले के जीवन चरित्र पर आधारित श्री अखण्ड ज्योति पाठ के साथ कोलकाता की कमला देवी कांकाणी (मौसी जी) के सानिध्य में इसे किया गया।
तुषार चौधरी ने ‘आएगा, आएगा आएगा, नीले चढ़ सवरा आएगा’ गाकर सारे भक्तों को नाचने व झूमने पर मजबूर कर दिया।
नाचते-झूमते हुए बाबा को निशान चढ़ाए परविन्दर पलक ने ‘जो भी मांगों मिल जाता है करता कभी इन्कार नहीं, श्याम के जैसा इस दुनिया में कोई दातार नहीं’ गाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। राज पारिख ने ‘बिन बोले सब मिलता तो मैं बोल के क्या मांगू’ गाया तो भक्तों ने नाचते-झूमते हुए बाबा को निशान चढ़ाए।
108 दीपों की हुई महाआरती