कानपुर – 1861 में एपी फैनी की बालिका अनाथालय के लिए 99 साल के पट्टे पर जमीन दी थी। इस जमीन का न तो नवीनीकरण कराया और न ही लीज रेंट जमा किया गया।
कानपुर में ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय, स्कूल के लिए पट्टे पर दी गई 500 करोड़ की एपी फैनी की जमीन को बुधवार देर रात जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दी है। मंगलवार को एसडीएम सदर ने जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। एडीएम वित्त ने रिपोर्ट का सत्यापन किया, जिसमें सब सही पाया गया।
जमीन से कब्जेदारों को जल्द हटाया जाएगा। चुन्नीगंज स्थित नजूल की जमीन की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर, तहसीलदार रितेश कुमार सिंह, एसीएम सप्तम की टीम ने की थी। न लीज रेंट जमा हुआ और न ही नवीनीकरण कराया गया। 500 करोड़ की 20 हजार वर्गमीटर की जमीन को बिना प्रशासन की अनुमति के खरीद-फरोख्त का काम किया जा रहा था।
रिपोर्ट के अनुसार, 1861 में पहली बार ब्रिटिश शासनकाल में बालिका अनाथालय के लिए लेडी सुपरिटेंडेंट सोसाइटी फार प्रापगेशन (एसपीजी) मिशन को लगभग 20 हजार वर्गमीटर जमीन 99 साल के पट्टे पर दी गई थी। इसका उद्देश्य मिशन गर्ल्स आर्फनेज अर्थात बालिका अनाथालय बनाना था। 1877 में फिर कल्लूमल आदि ने एसपीजी मिशन को बैनामा कर दिया।
2019 में एलडीटीए ने ही खाली जमीन बेच दी
1945 में लखनऊ डायोसिस ट्रस्ट एसोसिएशन (एलडीटीए) को दी गई। 2008 में एलडीटीए ने चर्च आफ इंडिया ट्रस्ट को 100 रुपये के स्टांप पर जमीन लिख दी। फिर 2019 में एलडीटीए ने ही 19 हजार वर्ग मीटर खाली जमीन बेच दी। इसमें ही सलीम बिरयानी का भी 450 वर्गमीटर का प्लॉट मिला है। इसके अलावा 100-100 वर्ग मीटर की और प्लॉटिंग है। पास ही पुरानी रेलवे की जमीन पर भी रिहायश है। रिपोर्ट के सत्यापन के बाद जमीन अब जिला प्रशासन ने कब्जे में लेकर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा दी गई है।
अनुज सिंह की रिपोर्ट