विशेष
मुख्य हेडिंग…
विमान की तर्ज पर ट्रेनों में भी ब्लैक बाक्स खोलेंगे हादसों का राज
क्रासर…
॰ इंजन में चालक के सिर के ऊपर कैमरा, वॉकी-टॉकी की हर बात रिकार्ड होगी
॰ कहां चालक से चूक हुई, गार्ड से क्या बातचीत हुई, ब्लैक बाक्स में आ जायेगा
जमीर सिद्दीकी, कानपुर
जब कभी विमान हादसे का शिकार होता है तो सबसे पहले जांच एजेंसियां ब्लैक बाक्स को तलाशती हैं क्योकि ब्लैक बाक्स वह उपकरण है जिसमें पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर समेत अन्य किससे क्या बात हुई, दोनों पायलट ने हादसे के वक्त आपस में क्या बात की। सारी बातें रिकार्ड हो रहती हैं। इसी तर्ज पर अब रेलवे भी अपने लोको यानी इंजन में एक ब्लैक बाक्स लगाने की शुरुआत कर दी है जो हादसे के दौरान क्या क्या हुआ, पूरा राज खोल देगा।
दरअसल लोको पायलट जब इंजन का संचालन करता है तो सबसे पहले स्टेशन मास्टर से और फिर गार्ड से वाकी टाकी पर बात करता है। उसके बाद ट्रेन का संचालन जब शुरु होता है तो चालक के पास ऊपरी सतह पर लगा कैमरा भी सब कुछ रिकार्ड करता है। इस ब्लैक बाक्स में रिकार्ड हुई बातों को सुरक्षित रखा जाता है।
बताते चलें कि सबसे पहले रेलवे ने वंदेभारत, स्वर्ण शताब्दी, शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी ट्रेनों समेत कई ट्रेनों के इंजन में इस प्रकार के उपकरण लगाने की तैयारी कर रहा है। इस ब्लैक बाक्स में सबकुछ रिकार्ड होता है, कितने बजे किस स्टेशन से ट्रेन गुजरी, गार्ड और किस स्टेशन मास्टर से क्या बातचीत हुई। इंजन में कब क्या खराबी आई और चालक ने इन परिस्थितियों में क्या किया। ये सारी बातें ब्लैक बाक्स में रिकार्ड हो रही हैं।
गौरतलब है कि अभी ट्रेन हादसा होने के बाद चालक, सहायक चालक, गार्ड समेत सभी संबंधित रेल कर्मियों से पूछताछ होती है, उनके बयान कलमबंद किये जाते हैं लेकिन ब्लैक बाक्स जब सभी ट्रेनों में लग जायेगा तो चालक, सहायक से ज्यादा पूछताछ की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। जो कुछ भी सच होगा, ब्लैक बाक्स उगल देगा।
क्या बोले अधिकारी…
रेलवे के पायलट प्रोजेक्ट में इस प्रकार की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। जल्द ही इन्हें अमलीजामा पहनाया जायेगा।
अमित मालवीय, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य जोन।
ब्यूरो रिपोर्ट