बांग्लादेश में तख्तापलट का असर कानपुर पर:150 करोड़ रुपए के ऑर्डर फंसे; 500 करोड़ के व्यापार पर संकट के बादल, लेदर पर खासा असर
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद सेना का शासन होने का सीधा असर देश-प्रदेश ही नहीं बल्कि कानपुर पर भी पड़ा है। शहर के उद्यमियों ने पड़ोसी देश को भेजे लगभग 150 करोड़ के ऑर्डर रास्ते में जहां-तहां रोक दिए।
सालाना 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार पर संकट के बादल हैं। इसे लेकर उद्यमी ही नहीं बल्कि आर्थिक विशेषज्ञ भी सकते हैं। माना जा रहा है कि मौजूदा हालत से सालों पुराने व्यापारिक संबंधों का ढांचा पूरी तरह बदल जाएगा।
सेना का शासन खड़ी करेगा मुसीबत
काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (CLE) के पूर्व चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बताया कि बांग्लादेश से कानपुर के व्यापारिक संबंध हैं। आयात और निर्यात दोनों होने से इसका महत्व है। लेदर के अलावा कई सेक्टर पड़ोसी देश से जुड़े हैं। सेना का शासन होने से आगे क्या हालात होंगे, यह तो समय बताएगा
वहीं कानपुर से बांग्लादेश के बाजारों में मुख्य रूप से सोडा, प्लास्टिक, लेदर, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक भेजा जाता है। सालाना कारोबार की बात करें तो यह पांच सौ करोड़ से अधिक है
बीमा करा भेजने वालों को कम है तनाव
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि जिन कारोबारियों ने बांग्लादेश भेजे गए माल का बीमा कराया होगा तो उन्हें रकम डूबने का डर नहीं है। सरकारी नियमों के अनुसार, ईसीजीसी कंपनी बीमा कराए गए माल का भुगतान ऐसी स्थिति में करती है। हालांकि परेशानी तो उन कारोबारियों के सामने ज्यादा है, जिन्होंने उधारी या फिर बिना बीमा के माल भेजा है।
सुमित सिंह की रिपोर्ट