फर्जी भर्ती घोटाले में पूर्व डीआईओएस को अग्रिम जमानत…कोर्ट ने 6 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका कर दी खारिज
एडीजे-16 की कोर्ट ने 6 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका कर दी खारिज
माध्यमिक शिक्षा विभाग के फर्जी भर्ती घोटाले में फंसे पूर्व डीआईओएस द्वितीय मुन्नीलाल को शुक्रवार को एडीजे-16 की कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें दो लाख के निजी बंधपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए। लेकिन कोर्ट ने छह अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। माध्यमिक शिक्षा की ओर से फर्जी भर्ती घोटाले में अब तक सात आरोपियों को एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है।
तत्कालीन डीआईओएस द्वितीय मुन्नी लाल पर आरोप है कि नियुक्ति के लिए विभाग आए फर्जी ईमेल में फर्जी पैनल के सापेक्ष 20 नवंबर 2023 को विनीता देवी को मदन मोहन अग्रवाल इंटर कॉलेज में व 12 दिसंबर को रिक्षा पांडेय को आर्य कन्या इंटर कॉलेज में नियुक्ति प्रदान कर दी गई। विनीता देवी को दिसंबर महीने से वेतन भुगतान कर दिया गया। रिक्षा पांडेय का वेतन आहरित नहीं हुआ।
इससे स्पष्ट है कि प्रकरण में डीआइओएस द्वितीय मुन्नीलाल की ओर से शासकीय दायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया और लापरवाही बरती गई। जबकि नियुक्ति से पूर्व पैनल का सत्यापन कराया जाना चाहिए था। मामले में कर्नलगंज थाने में धोखधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
डीआईओएस द्वितीय की ओर से मामले में एडीजे-16 की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई की गई। कोर्ट ने तत्कालीन डीआईओएस द्वितीय की याचिका मंजूर करते हुए दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत देने के आदेश दिए है। वहीं इस मामले में लालजी सिंह, अभिनव त्रिपाठी, दिनेश कुमार पांडेय, शिवम विश्वकर्मा, हरेंद्र पांडेय की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सुनील कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी गई। अधिवक्ता विभोर सचान ने बताया कि मुन्नीलाल के विरूद्ध कोई भी साक्ष्य अभियोजन पक्ष प्रस्तुत नहीं कर सका। पूर्व डीआईओएस द्वितीय 29 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके थे, रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस के बुलाने पर हर बार बयान दर्ज कराने पहुंचे थे।
*सुमित सिंह की रिपोर्ट*