सीएसए एवं गेहूं/जौ अनुसंधान संस्थान के मध्य हुआ एम ओ यू
कानपुर नगर, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में प्रदेश के किसानों के गेहूं उत्पादन को राष्ट्रीय क्षितिज पर पंजाब एवं हरियाणा की उत्पादकता के समतुल्य लाने हेतु विशेष प्रयास के तहत गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल, हरियाणा से कृषि विश्वविद्यालय कानपुर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह एवं डॉ अमित कुमार शर्मा नोडल ऑफिसर बीज तथा कृषि विश्वविद्यालय कानपुर की तरफ से डॉक्टर पी के सिंह निदेशक शोध एवं डॉ विजय कुमार यादव निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र द्वारा कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक भव्य समारोह हुआ।जिसमें बड़ी संख्या में कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक, प्रक्षेत्र अधीक्षकों तथा शोध छात्रों एवं संकाय सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। डॉ विजय यादव ने बताया कि इस अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर का मुख्य उद्देश्य अपने विश्वविद्यालय द्वारा सृजित गेहूं एवं जौ की प्रजातियों के साथ-साथ भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित उच्च गुणवत्ता एवं अधिक उत्पादन वाली गेहूं प्रजातियों के बीज को किसानों तक उपलब्ध कराना है।जिसके द्वारा प्रदेश की उत्पादकता में और वृद्धि की जा सके।अनुबंध पत्र में गेहूं प्रजातियां जैसे डीबीडब्ल्यू 330, डीबीडब्ल्यू 332 एवं डीबीडब्ल्यू 187vकिसानों की बड़ी संख्या में मांग है। जिसका अब कृषि विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रों पर जनक एवं न्यूक्लियस बीज का उत्पादन कर प्रदेश के किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गेहूं के उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य में आशातीत सफलता प्राप्त की जाएगी। विश्वविद्यालय में गेहूं के विभिन्न प्रयोग परीक्षणों का मॉनिटरिंग टीम ने अवलोकन एवं निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर निदेशक गेहूं एवं जौ अनुसंधान डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने इस विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं प्रजाति के 68 जैसी उच्च गुणवत्ता वाली प्रजाति की प्रशंसा की और इस वर्ष के परीक्षणों को एक दशक बाद उच्च श्रेणी में व्यवस्थित पाया। जिसके लिए विश्वविद्यालय कुलपति का कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन रहा है। कुलपति डॉक्टर आनंद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं की प्रजाति के 1006 जो उच्च जिंक एवं लोहा से भरपूर है के प्रचार प्रसार एवं ब्रांडिंग करने की रणनीति पर भी चर्चा की। इस अवसर पर एक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर अमित शर्मा ने विस्तृत चर्चा कर गेहूं के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु आवश्यक क्रिया कलापों को अपनाने पर जोर दिया। डॉ राजेश सिंह छोंकर ने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों एवं कृषको से संवाद किया एवं इसके साथ ही डॉक्टर रविंद्र कुमार ने गेहूं की फसल में लगने वाले रोग एवं कीड़ों की प्रभावी नियंत्रण पर चर्चा की। अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर सी एल मौर्य ने भी सभी को संबोधित किया।डॉक्टर पी के सिंह निदेशक शोध ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। डॉ विजय कुमार सिंह संयोजक कार्यक्रम ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सभी अतिथियां को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की शिक्षक/ वैज्ञानिक एवं विभाग अध्यक्ष, छात्र-छात्राएं एवं किसान उपस्थित रहे।
हरिओम की रिपोर्ट