(( शिक्षा गयी पानी मै))
(अधेंर नगरी चौपट राजा,
टका शैर भाजी,टका शेर खाजा)
रायसेन जिला के प्रशासनिक अधिकारी है बडे कमाल के।अपनी प्रगती के लिऐ हर पल जागरूक ओर ग्रमीणो बच्चो जाये भांड मै।
इसका उदाहरण है उदय पुरा विकास खंड संकुल आलीवाडा ग्राम कोडां जमुनियां के सार्व शिक्षा अभियान एंव शासकीय माध्यमिक शाला के विनिष्ट किऐ गये भवन जो वर्ष 2081 मै फोर लाईन -45 के निर्माण के समय तोडे गये थे। मात्र एक कमरे में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ के बच्चे पढ़ते हैं।क्या एक कमरे में पढ़ाई सम्भव है?नहीं यहां के बच्चो विद्या से वचिंत है।केवल खाना पूर्ति होती है।
तीन वर्ष व्यतीत होने के पश्चात भी यह भवन आज तक नही बन पाये।एम. पी. आर. डी. सी. के पास इन भवनो कि मुआवजा राशी लगभग एक करोड रूपये उपलब्ध थी, वह राशी ग्राम वासियो एंव कोडां जमुनिया पचायांत सरपंच श्री मती प्रीती रघुंवशीं के अथक प्रयासो से जिला पचांयत के बैंक खाते मै पहुचाने मै अहम भूमिका का निर्वाह किया।
उक्त राशी पहुचने के पश्चात भी आज तक उक्त भवनो का निर्माण प्रराम्भ नही हो सका।
एक प्रशन यह है कि जिला का प्रशासनिक अधिकारी इतना निष्क्रिय, कर्तव्य हीन, निम्न स्तर का आचरण रखने वाले हो सकते है कि ग्रमीण बच्चो को शिक्षा से वचिंत कर उनके भविष्य से खिलवाड कर सकते है।
एसा करने वाले अधिकारी माननीय मोदी के सपनो का भारत बनाने के मार्ग मै सुनिश्चित योजना बना कर पलीता लगाने का कार्य कर रहे है।
कुछ समय पश्चात लोक सभा कि आचार सहिंता लग जायगी, लोक सभा चुनाव के पश्चात वर्षात प्रराम्भ हो जायगी।याने वर्ष 2024 भी निकले जायगा। ओर बच्चे शिक्षा से वचिंत रहेगें।
एक प्रशन यह है कि :-
क्या जिम्मेदार अधिकारी के बच्चो के साथ यह स्थिति होती तो जब भी वे शिक्षा के प्रती इतना लापरवाही बरतते? नहीं यह लोग आसमान सर पर उठा लेते अब तक।
निसंदेह एसे कर्म हीन अधीकारीयो के विरूद्ध गम्भीर कार्यवाही होनी चाहिए।
स्मृति यादव की रिपोर्ट