सुमित्रा महाजन आग बबूला हुई ‘अभी मैं जिंदा हूं, मुझसे पहले पूछ तो लेते’, शहरी निकाय के सम्मेलन में हंगामा
– February 16, 2024
इंदौर नगर निगम (IMC) के एक सभागृह का नाम पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नाम के बजाय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने को लेकर कांग्रेस ने शहरी निकाय के सम्मेलन में गुरुवार को हंगामा किया। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि शहरी निकाय में सत्तारूढ़ भाजपा ने सभागृह के नामकरण के मूल प्रस्ताव में बदलाव करके महिलाओं का अपमान किया है। अधिकारियों ने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2 फरवरी को आईएमसी के परिषद सभागृह का लोकार्पण किया था। दिल्ली की लोकसभा की तर्ज पर बनाए गए इस सभागृह को ‘‘अटलबिहारी वाजपेयी सदन’’ का नाम दिया गया है जिसे स्थानीय लोग “इंदौर की संसद” भी कहते हैं।
वाजपेयी के नाम पर हॉल के नामकरण पर हंगामा
इस सभागृह में आईएमसी के पहले परिषद सम्मेलन में प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे और कांग्रेस के अन्य विपक्षी पार्षदों ने यह कहकर हंगामा किया कि शहरी निकाय ने सभागृह का नाम महाजन के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन ऐन मौके पर इसका नाम वाजपेयी के नाम पर रख दिया गया। इनमें से कुछ पार्षदों ने तख्तियां भी लहराईं जिन पर लिखा था- ”महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार नहीं चलेगा।”
कांग्रेसियों से बोलीं महाजन- मैं अभी जिंदा हूं
आईएमसी के परिषद सम्मेलन में महाजन को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था। उन्हें आईएमसी के सभापति मुन्नालाल यादव की आसंदी के पास महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ बैठाया गया था। महाजन ने सदन में कांग्रेस पार्षदों के हंगामे के मद्देनजर कहा,‘‘मुझे जीवन में बहुत सम्मान मिला है और इसे कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता।’’ उन्होंने कहा कि मैं खुद हैरान थी कि मेरे नाम पर प्रस्ताव कैसे पास हो गया। मैं तो अभी जिंदा हूं। मेरे नाम से भवन के नामकरण की क्या जरुरत है।
‘वाजपेयी और मेरी तुलना ही नहीं हो सकती’
भाजपा की 80 वर्षीय नेता ने दावा किया कि खुद उन्होंने महापौर भार्गव को सुझाव दिया था कि आईएमसी के सभागृह का नाम वाजपेयी के नाम पर रखा जाए। वाजपेयी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में 1999 से 2004 तक राज्य मंत्री रहीं महाजन ने पूर्व प्रधानमंत्री की वक्तृत्व कला की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘वाजपेयी और मेरी तुलना ही नहीं हो सकती।’’ उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने जीते जी अपने नाम पर किसी भी भवन के नामकरण के पक्ष में नहीं हैं।
स्मृति यादव की रिपोर्ट