*इसे कहते हैं बदला हुआ उत्तर प्रदेश…*
बहराइच ज़िले के महाराजगंज में योगी शासन और कर्मठ प्रशासन ने दिखा दिया कि यदि व्यवस्था ईमानदारी से काम करे तो अपराधी किसी भी हाल में बच नहीं सकता।
13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान रामगोपाल मिश्रा पर हमला हुआ—उन्हें घर में खींचकर गोली मारी गई और उनके साथ अमानवीय अत्याचार तक किए गए। यह घटना पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाली थी।
लेकिन जब प्रशासन, शासन और न्याय तंत्र ने पूरी तत्परता से कार्रवाई की, तो मात्र 14 महीनों के भीतर ही न्याय मिल गया—
मुख्य आरोपी सरफराज को मृत्युदंड, और तालिब, शोएब, मारूफ, ननकू, जीशान, जावेद, सैफ अली, फहीम व अब्दुल हमीद को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई।
इस त्वरित और दृढ़ कार्रवाई के लिए सरकार को साधुवाद।
हमें गर्व है ऐसे कर्मठ अपर सत्र न्यायाधीश श्री पवन कुमार शर्मा पर, जिन्होंने कम से कम समय में कठोर और साहसिक फैसला सुनाया तथा राज्य के लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत किया।
अब देखना यह है कि इस जिहादी हत्यारे को फांसी कब मिलती है… और कौन-कौन सी संस्थाएँ या लोग इन्हें बचाने की कोशिश में सामने आते हैं।




