सूदखोरो का आतंक: सूदखोरों से तंग कारोबारी ने पत्नी-बेटे संग दी जान, 13 पेज का सुसाइड नोट आया सामने
फिरोज खान की रिपोर्ट
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सूदखोरों के काले जाल ने एक पूरे परिवार की जिंदगी छीन ली। दुर्गा एन्क्लेव कॉलोनी निवासी हैंडलूम कारोबारी सचिन ग्रोवर (36) ने पत्नी शिवांगी (34) और मासूम बेटे फतेह (4) के साथ आत्महत्या कर ली। सचिन ने पहले बेटे को कोल्डड्रिंक में जहर दिया और फिर नई रस्सियों से पत्नी संग फांसी लगा ली।
मृतक के मोबाइल से मिला 13 पेज का सुसाइड नोट पूरे मामले की गवाही देता है। इसमें ब्याज पर लिए गए कर्ज, सूदखोरों की प्रताड़ना और परिवार पर टूटे मानसिक दबाव का विस्तार से जिक्र है।
“डोंट हेट मी प्लीज प्लीज मैनेज कर लेना” शिवांगी के आखिरी शब्द
सुसाइड नोट में शिवांगी ने अपनी मां संध्या को संबोधित करते हुए लिखा “सॉरी मम्मी, मैंने जो किया उसकी माफी नहीं है। मेरी कार मरने के बाद लोन फ्री हो जाएगी, निकालकर बेच लेना और उससे अपना सोना छुड़ा लेना। घर बेचकर कर्ज सैटल कर लेना। प्लीज हमें नफरत से याद मत करना, बुरी याद समझकर भूल जाना। आई लव यू।
उसने आगे लिखा “आई एम सॉरी यार, मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा था। प्लीज मैनेज कर लेना, डोंट हेट मी प्लीज, एंड ट्राई टू अंडरस्टैंड माई सिचुएशन।”
शिवांगी ने सूदखोरों के दबाव और सचिन की गलतियों का जिक्र करते हुए साफ लिखा कि यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ा।
आपको बता दे घर वालो के मुताबिक सुसाइड नोट में दर्ज नाम छुपा रही पुलिस जानकारी के मुताबिक, सुसाइड नोट में सूदखोरों और प्रताड़ित करने वालों के नाम दर्ज हैं। लेकिन पुलिस अब तक उन्हें सार्वजनिक करने से बच रही है। माना जा रहा है कि कई नामचीन रसूखदारों के करीबियों का इसमें हाथ है। यही वजह है कि पुलिस के तेवर नरम हो गए हैं।
मृतक के परिजनों के पास भी सुसाइड नोट मौजूद है और वे आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सूदखोरों का जाल: शाहजहांपुर में कई परिवार हो चुके हैं तबाह
यह कोई पहला मामला नहीं है। चौक कोतवाली क्षेत्र के कच्चा कटरा में अविनाश गुप्ता और उनका परिवार सूदखोरों की वजह से खत्म हो गया था।
रोजा इलाके में भी एक दंपती ने ब्याजखोर की प्रताड़ना से फांसी लगा ली थी। इसी तरह अब सचिन ग्रोवर और उसका परिवार काले धंधे का शिकार हो गया
व्यापारियों और संगठनों ने की सख्त कार्रवाई की मांग राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के जिलाध्यक्ष किशोर गुप्ता, युवा कांग्रेस नेता नौशाद कुरैशी, पंजाबी महासभा और कई उद्यमियों ने प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की है। सभी का कहना है कि अगर सूदखोरों को अभी नहीं रोका गया तो और परिवार बर्बाद होंगे।
व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि पुलिस अगर आरोपियों के नाम दबाती रही तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।
आखिर: सूदखोरों का आतंक कब थमेगा?
शाहजहांपुर की इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। सवाल यह है कि जब सुसाइड नोट में नाम दर्ज हैं तो पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? सूदखोरों के काले धंधे पर लगाम कब लगेगी?




