*गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार, उन्नाव में पश्चिमी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का संकट गहराया, घरों के पास तक पानी भरा*
टाइम्स एंड स्पेस
अस्तित्व कुशवाहा संवाददाता
उन्नाव। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर शनिवार देर रात चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। सोमवार सुबह तक जलस्तर में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पश्चिमी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ का पानी फैल गया है। बाढ़ से सैकड़ों घरों में पानी भर गया है और खेतों की फसलें डूब गई हैं। इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने राहत और आवागमन के लिए एक दर्जन नावों की व्यवस्था की है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शनिवार शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 111.990 मीटर था। यह चेतावनी बिंदु से एक सेंटीमीटर नीचे था। देर रात करीब बारह बजे जलस्तर ने चेतावनी बिंदु को पार कर लिया। रविवार सुबह आठ बजे यह 112.040 मीटर दर्ज किया गया। दोपहर एक बजे तक बढ़कर 112.110 मीटर और शाम छह बजे 112.160 मीटर हो गया। सोमवार सुबह यह 112.270 मीटर तक पहुँच गया। कानपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से गोताखोर, शाही नगर, मोम्मद नगर, चंपापुरवा, मनसुख खेड़ा और कर्बला सहित तटीय इलाकों में पानी घरों के आसपास भर गया है। कई मकानों के अंदर पानी घुस जाने से लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं। नाव से आवागमन हो रहा है और कई स्थानों पर बचाव दल तैनात किए गए हैं। बाढ़ का असर अब कटरी क्षेत्र के किसानों पर भी पड़ा है। यहां सब्जियों की फसलें डूबने से भारी नुकसान हुआ है। गंगा के चेतावनी बिंदु पार करते ही पोनी रोड के तटीय क्षेत्र रविदास नगर, मालवीय नगर, श्रीनगर, इंद्रा नगर और प्रेम नगर तक पानी फैल गया है। ग्रामीण इलाकों गगनी खेड़ा और फत्तेपुर में भी जलभराव हो गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी जा रही है। बढ़ते जलस्तर के कारण पश्चिमी क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में बिजली के पोल और तारों तक पानी पहुंच गया है। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए बिजली विभाग ने एहतियातन लगभग आधा सैकड़ा घरों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी है।




