कानपुर जिले के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने हैलेट में निर्माणाधीन परियोजनाओं का औचक निरीक्षण किया। मौके पर निर्माण कार्य में अत्यधिक विलंब और कागज़ों में असत्य प्रगति दर्ज मिलने पर उन्होंने तीखी नाराजगी जताई और राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई।डीएम दोपहर दो बजे हैलेट पहुंचे। यहां 18.56 करोड़ रुपये की लागत से सर्जरी विभाग में प्राइवेट लेक्चर हॉल और प्रशासनिक भवन (जी+2) का निर्माण कराया जा रहा है।*
निर्माण कार्य की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई है। परियोजना प्रबंधक आरके गुप्ता द्वारा सौंपे गए अभिलेखों में कार्य की प्रगति सात प्रतिशत दिखाई गई थी और यह दर्शाया गया था कि नींव की खुदाई का कार्य हो चुका है। लेकिन जब जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे, तो वहां जमीन पर कोई काम होता नहीं मिला।न नींव की खुदाई हुई थी और न ही किसी भी तरह की गतिविधि नज़र आई।*
जिलाधिकारी ने कार्य की ढीला हवाली के चलते सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि परियोजना की पहली किस्त के रूप में 2.51 करोड़ रुपये लगभग पांच महीने पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद जमीन पर कोई काम न होना लापरवाही का प्रमाण है।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सर्जरी ब्लॉक के रिनोवेशन कार्य की स्थिति का भी जायजा लिया। 3.79 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को 31 मई तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब तक कार्य अधूरा है। जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में यह कार्य 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाए।
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट
[07/08, 06:42] Rahul Dwedi: कानपुर कमिश्नरेट के रावतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बीते दिनों एक यातायात पुलिसकर्मी का गिरोह फर्जी तरीके से एसटीएफ, क्राइम ब्रांच अपने आपको बताकर घरों में घुसकर डरा धमका कर उगाही करने का भंडाफोड़ पीड़ित की तहरीर की शिकायत के चंद घंटों के बाद रावतपुर थाना प्रभारी ने सहयोगी सर्विलांस टीम की मदद से सात लोगो के गिरोह में टी एस आई को छोड़कर सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसमे चकमा देकर फरार होने में टी एस आई अजीत यादव सफल हुआ था लेकिन पुलिस की धरपकड़ के चलते लगातार दबीश के भय के चलते कोर्ट में आत्म समर्पण कर जेल चला गया था..!!*
*विषय:*
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उक्त प्रकरण में रावतपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार मिश्रा ने आरोपितों के खिलाफ लगभग 250 पन्ने की चार्जसीट सहीत सीसीटीवी फुटेज, 25 से ज़्यादा गवाह सहित कई साक्ष्य पेश किए..!*
विवेचक के अनुसार गिरोह का सरगना टी एस आई नहीं बल्कि होम गार्ड राजीव दीक्षित था ..!*
उक्त घटना के संबंध में प्रकाश में आए जानकारी अनुसार गिरोह के सदस्यों को टी एस आई अजीत यादव और गार्ड राजीव दीक्षित गाइड करके घटना कारित करने की भूमिका बनाते थे..!
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट




