पाकिस्तान के लिए जासूसी, धर्मांतरण और आतंकी फंडिंग में टांडा फिर बेनकाब:
फिरोज खान की रिपोर्ट
मसाला व्यापारी शहजाद की गिरफ्तारी से खुला गद्दारी का नेटवर्क
रामपुर/टांडा – उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के टांडा कस्बे से एक बार फिर देशविरोधी गतिविधियों का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और सीमा पार तस्करी जैसे गंभीर आरोपों में एटीएस ने टांडा निवासी शहजाद को गिरफ्तार कर लिया है।
मसालों और लेडीज सूट के व्यापार की आड़ में शहजाद देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा था। यह गिरफ्तारी न केवल स्थानीय लोगों को हिला गई है, बल्कि टांडा की छवि पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जांच एजेंसियों के अनुसार, शहजाद कई बार पाकिस्तान गया था और वहां ISI एजेंटों से मुलाकात की। वहीं से उसे भारत की सैन्य व खुफिया जानकारी जुटाकर भेजने का जिम्मा मिला। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि वह पाक एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराता था और कुछ संदिग्धों को सीमा पार भेजने की कोशिश कर चुका है।
पारिवारिक मुलाकात नहीं, देश से गद्दारी?
शहजाद की पत्नी राजिया ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उनका कहना है कि अगर शहजाद विदेशी फंडिंग से लाभ कमा रहा होता, तो घर बनाने में दस साल न लगते। लेकिन एजेंसियों की जांच कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। उसकी कॉल डिटेल्स, पासपोर्ट और लेनदेन की गहनता से जांच चल रही है। पड़ोसियों का कहना है कि शहजाद का व्यवहार हमेशा सामान्य रहा, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अब उसके सामाजिक और पारिवारिक संपर्कों की भी जांच कर रही हैं।
टांडा: धर्मांतरण से लेकर आतंकी फंडिंग तक
यह पहला मामला नहीं है जब टांडा आतंकवाद और धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में चर्चा में आया हो। अगस्त 2021 में गुजरात पुलिस ने धर्मांतरण मामले में मोहम्मद अहमद को टांडा से गिरफ्तार किया था। यह मामला उमर गौतम और सलाउद्दीन शेख से जुड़ा था, जिन पर दंगाइयों को कानूनी मदद दिलाने के लिए धर्मार्थ फंड का दुरुपयोग करने का आरोप था।
इसी तरह अक्टूबर 2021 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने टांडा के मुतीयापुरा गांव के अनस को पाकिस्तानी हैंडलर्स को धार्मिक स्थलों की जानकारी भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अनस की गिरफ्तारी के बाद गांव में सन्नाटा छा गया था और उसके परिवार ने खुद को निर्दोष बताया था।
सवालों के घेरे में टांडा की छवि
लगातार सामने आ रहे मामलों ने टांडा को देशविरोधी गतिविधियों का गढ़ बना दिया है। जासूसी, अवैध धर्मांतरण और आतंकी फंडिंग जैसे मामलों में टांडा के युवकों के नाम सामने आना बेहद गंभीर चिंता का विषय है। सुरक्षा एजेंसियों की नजर अब टांडा और इसके आसपास के इलाकों पर गहराई से बनी हुई है।
अब और गिरफ्तारियां संभव, गहराई से चल रही जांच
एटीएस की कार्रवाई अभी जारी है और कई अन्य लोगों के नाम भी जांच के घेरे में हैं। शहजाद के परिवार से पूछताछ चल रही है और पूरे मोहल्ले में खामोशी पसरी हुई है। पुलिस मोहल्ले में छानबीन कर रही है और स्थानीय लोग खुलकर बोलने से बच रहे हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
टांडा एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। देशविरोधी गतिविधियों में बार-बार टांडा के नाम का आना चिंता का विषय है। अब देखना यह होगा कि जांच एजेंसियां इस जाल के कितने और धागों को खोलती हैं और इसमें और कितने चेहरे बेनकाब होते हैं।




