कानपुर साइबर क्राइम टीम के अनुसार आरोपी रितेश सिंह के खिलाफ 2021 में चकेरी थाने में कई रिपोर्ट दर्ज हुईं थीं।
डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट
कानपुर। कानपुर साइबर क्राइम टीम के अनुसार आरोपी रितेश सिंह के खिलाफ 2021 में चकेरी थाने में कई रिपोर्ट दर्ज हुईं थीं। इसकी विवेचना टीम को मिली थी। पीड़ितों ने आरोपियों के फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए थे। मोबाइल नंबर पहले स्विच ऑफ रहे।
पकड़ा गया शातिर ठग रितेश सिंह – फोटो :
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सरकारी विभाग में नौकरियां निकली हैं। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का पीए हमारा करीबी है। उससे एक बार कह देंगे तो, जितनी चाहोगे नौकरी लग जाएगी। हर नौकरी का आठ लाख रुपये लगेगा। कुछ इसी अंदाज में लोगों को अपनी बातों में फंसा करोड़ों की ठगी करने वाले शातिर रितेश सिंह को साइबर क्राइम पुलिस ने झारखंड के बोकारो से गिरफ्तार किया है। वह वहां के अपार्टमेंट में रह रहा था।
उस पर चकेरी थाने में 50 लाख ठगी के तीन मामले दर्ज हैं। उसकी चार साल से तलाश थी। देहली सुजानपुर के भवानीनगर क्षेत्र के चन्द्रमा प्रसाद सिंह के अनुसार अगस्त 2018 में उनके दामाद का दोस्त रितेश सिंह और उसका साथी न्यू आजाद नगर निवासी विनोद कुमार सिंह उनके घर आए। दोनों ने बातचीत के दौरान कहा कि मंत्री कोटे से कुछ नौकरियां निकलीं हैं।
आठ लाख के हिसाब से 24 लाख का खर्च बताया
मंत्री राम विलास पासवान के पीए से उनके काफी अच्छे संबंध हैं। उनसे कहकर आसानी से नौकरियां लगवाई जा सकती है। उन्होंने दो बेटियों आकांक्षा व पारुल और भांजे अमित कुमार चौधरी की नौकरी की बात की तो आरोपियों ने आठ लाख के हिसाब से 24 लाख रुपये का खर्च बताया। उनकी बात पर भरोसा कर अलग-अलग तारीखों में 20 लाख रुपये बताए हुए खातों में ट्रांसफर कर दिए, जबकि शेष चार लाख रुपये नियुक्ति पत्र मिलने के समय देना तय हुआ।




