उन्नाव डीएसएन कॉलेज उन्नाव के एनसीसी ग्राउंड में सन 1857 के शूरवीरों की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक प्रशिक्षण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर विपिन सिंह की पुस्तक क्रांति के वीर: 1857 के शूरवीरों की अनकही दास्तान का विमोचन भी किया गया । पुस्तक के बारे में श्री सिंह ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा 1857 के संग्राम के शूरवीरों की स्मृति में साप्ताहिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला बनाई गई थी । जिसके आधार पर मन में विचार आया की क्यों न 1857 के संग्राम के वीरों की स्मृति में एक पुस्तक लिखी जाए । उन्नाव जनपद से भी राजा रामराव बक्श, ईश्वरी सिंह ,बिहारी लाल, राजा हरि सिंह ,जमील अहमद आदि लोगों ने 1857 के संग्राम में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था परंतु उन्नाव जनपद में इनके बारे में शायद ही कुछ लोग जानते हैं ।विमोचन के अवसर पर उपस्थित युवा कल्याण अधिकारी शिवराम सिंह ने बताया उन्नाव क्षेत्र के शासक राजा हरि सिंह ने 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका योगदान इस संघर्ष में अत्यधिक प्रेरणादायक था, और उन्होंने अपने राज्य और लोगों को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए।विनीत गहलावत जिला युवा अधिकारी नेहरू युवा केन्द्र ने कहा राजा राम राव बक्स उन्नाव के एक प्रमुख साहित्यकार और समाज सुधारक थे। उनका जीवन और कार्य भारतीय समाज के सुधार और सामाजिक उन्नति के प्रति समर्पित था।
पुस्तक की सह लेखक डॉ. निशा सिंह ने कहा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने भारतीय जनता को ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ एकजुट करने का प्रयास किया। उनका मानना था कि केवल ब्रिटिश साम्राज्य ही भारत के लिए खतरा नहीं था, बल्कि भारतीय समाज के अंदर व्याप्त कुरीतियाँ और असमानताएँ भी एक बड़ी समस्या थीं।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डीएसएन महाविद्यालय के डॉ. ममता चतुर्वेदी, डॉ.सुनील वर्मा, डॉ. हेमेंद्र,डॉ. रंजीत, डॉ. रचना,डॉ. गीता, डॉ. जुगेश , डॉ. रोहित डॉ. राजेश, कैप्टन रवि रंजन ,नितेश तिवारी, आनंद शेखर, अखिल, रजनीश, आदर्श आदि एनसीसी अधिकारी उपस्थित रहे। बाबा बजरंगबली के अद्भुत सुंदरकांड का पाठ लेफ्टिनेंट शशिकांत द्वारा किया गया।
पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट





