मौनी अमावस्या पर महाकुंभ से 10 बस अड्डे और आठ रेलवे स्टेशन से जाएंगे श्रद्धालु, ऐसे..
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर आने वाली भीड़ को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे और रोडवेज ने व्यापक इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए सूबेदारगंज स्थित आरपीएफ परेड मैदान में दसवां अस्थायी बस अड्डा बनाया गया है। इस बार बसों की संख्या बढ़ाकर आठ हजार कर दी गई है। वहीं, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर रेलवे मिलकर कुल 150 से 170 स्पेशल ट्रेनें चलाएंगे। रूटीन समेत कुल 400 ट्रेनें चलाई जाएंगी।
डीआरएम हिमांशु बडोनी ने बताया कि 13 जनवरी से 23 जनवरी तक 950 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। इनमें से 425 ट्रेनों ने श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचाया, जबकि 525 ट्रेनों से श्रद्धालु वापस गए। मकर संक्रांति पर अपेक्षा से अधिक भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ने ऑन-डिमांड 134 ट्रेनों का संचालन किया। मौनी अमावस्या के लिए इस बार अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी।
इसके लिए 58 लंबी दूरी की ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है और कई ट्रेनों के मार्ग बदले गए हैं। प्रयागराज की कई ट्रेनों को छिवकी और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन से चलाया जाएगा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाया है। महाकुम्भ नगरी से सभी रेलवे स्टेशनों तक पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु सही स्टेशन पर जाएं।
ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था
– लखनऊ और अयोध्या रूट : श्रद्धालु प्रयाग और फाफामऊ स्टेशन का उपयोग करें।
– वाराणसी और गोरखपुर रूट : रामबाग और झूसी स्टेशन पर जाएं।
मिर्जापुर और मध्य प्रदेश रूट : नैनी और छिवकी स्टेशन से ट्रेनें मिलेंगी।
– कानपुर रूट : सूबेदारगंज स्टेशन से ट्रेनों की सुविधा होगी।
– दिल्ली हावड़ा रूट समेत अन्य रूटों की ट्रेनें : प्रयागराज जंक्शन
अन्य इंतजाम
– रेलवे बोर्ड ने 25 अतिरिक्त रेक की व्यवस्था की है। अब 125 रेक पर दोनों तरफ इंजन लगाए जाएंगे।
– खुसरो बाग में एक लाख श्रद्धालुओं को रोकने की व्यवस्था की गई है। यहां इस्कॉन द्वारा भोजन और जल उपलब्ध कराया जाएगा।
चार गुना बढ़ी भीड़, 13 दिन में 13 लाख ने की यात्रा
महाकुम्भ के कारण रेलवे स्टेशनों पर चार गुना अधिक भीड़ हो रही है। 11 जनवरी से 23 जनवरी तक 13 लाख से अधिक श्रद्धालु ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं। इससे रेलवे ने 71.28 करोड़ रुपये की कमाई की है। इसमें बिना टिकट यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या शामिल नहीं है। औसतन, रोजाना एक लाख यात्री ट्रेनों से सफर कर रहे हैं।




