आज “कुंभ मेले की पेशवाई अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ प्रयागराज के विभिन्न स्थानों से होकर निकली।
यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का एक अनूठा उदाहरण है। संतों, महंतों, अखाड़ों की इस भव्य यात्रा में अद्वितीय उत्साह और आस्था का संगम देखने को मिला। और भक्तों ने ध्वज, रथ, घोड़े, हाथी और शंखनाद के बीच मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन से वातावरण में पवित्रता और धार्मिकता का संचार किया धर्म, संस्कृति और आस्था, भारत की गौरवशाली परंपरा को दर्शाती है।
ब्यूरो प्रयागराज
अंशुमली सिन्हा रिपोर्ट