कानपुर प्रेस क्लब की आम सभा…
सदस्यता का पुनरीक्षण होगा, उप समतियां भंग
– पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित और उपाध्यक्ष मनोज यादव निलंबित
संवाददाता_राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट
कानपुर। साख के सवाल पर कानपुर प्रेस क्लब की आमसभा में तमाम गंभीर पहलुओं पर चर्चा हुई। महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। तय किया गया कि प्रेस क्लब की सदस्यता सूची का पुनरीक्षण किया जाएगा। प्रेस क्लब की सभी उप-समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। साथ ही विधिक राय के लिए लीगल कमेटी के गठन का फैसला किया गया है। आम सभा में आए सुझाव के मद्देनजर पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित तथा पूर्व वरिष्ठ मंत्री एवं वर्तमान में कनिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज यादव की सदस्यता को निलंबित कर दिया गया है।
प्रेस क्लब भवन में आयोजित आम-सभा में तमाम सदस्यों ने बेझिझक अपनी राय रखी। सुझाव आया कि दागियों, पत्रकारिता और प्रेस क्लब की गरिमा के विपरीत काम में लिप्त सदस्यों को निष्काषित किया जाए l इसके अतिरिक्त प्रेस क्लब की सदस्यता हासिल करने के नियमों को सख्त बनाने की आवाज भी गूंजी। आम-सभा में सदस्यों की रायशुमारी के आधार पर तय किया गया कि तत्काल प्रभाव से प्रेस क्लब की सदस्यता सूची का पुनरीक्षण किया जाएगा। इस वास्ते पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में वरिष्ठ पत्रकार सतींद्र बाजपेई, आलोक पाण्डेय, अभिलाष बाजपेई, सुनील साहू और गौरव सारस्वत हैं। कमेटी 15 दिन में सदस्यता सूची में शामिल प्रत्येक सदस्य की जांच-पड़ताल के बाद प्रेस क्लब कार्यकारिणी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी की सिफारिश के आधार पर दागियों और कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सदस्यता हासिल करने वालों को प्रेस क्लब से बेदखल किया जाएगा।
अवनीश दीक्षित और मनोज यादव का निलंबन…
आम-सभा में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि आपराधिक इतिहास वाले सदस्यों के साथ-साथ हालिया दिनों में जिन पर मुक़दमे दर्ज हुए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रेस क्लब से निलंबित किया जाएगा। इस फेहरिस्त में आम-सभा के बाद पूर्व अध्यक्ष/पूर्व महामंत्री अवनीश दीक्षित, पूर्व मंत्री/ वर्तमान कनिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज यादव को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही तय हुआ कि जिन सदस्यों के खिलाफ हाल में मुक़दमे दर्ज हुए हैं, उनकी जांच प्रेस क्लब की लीगल कमेटी करेगी l जांच रिपोर्ट के आधार पर उन पर निर्णय लिया जाएगा l तय किया गया है कि, भविष्य में दोषमुक्त होने की स्थिति में निलंबन समाप्त करने पर विचार किया जाएगा, लेकिन दोषसिद्ध हुआ तो प्रेस क्लब से आजीवन निष्कासित कर दिया जाएगा। आम सभा में कहा गया कि तीन सौ से अधिक ऐसे लोग हैं जिनका पत्रकारिता से खास सरोकार ही नहीं है, उनका सत्यापन कर उन्हें बाहर किया जाए l इसकी जांच भी कमेटी करेगी l
आम-सभा में तीसरा अहम निर्णय लिया गया कि विविध प्रायोजनों के लिए गठित सभी उप-समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। मौजूदा हालात के मद्देनजर लीगल कमेटी के गठन का फैसला किया गया है। पत्रकारों के उत्पीड़न तथा साख से खिलवाड़ जैसे गंभीर मसलों पर लीगल कमेटी के सुझावों के आधार पर प्रेस क्लब कदम बढ़ाएगा। आम-सभा में सदस्यों ने प्रेस क्लब की सदस्यता हासिल करने के लिए न्यूनतम स्नातक शैक्षिक योग्यता, पत्रकारिता में वास्तविक सक्रियता तथा सभ्य समाज में स्वच्छ छवि जैसे विषय रखे, जिसे कार्यकारिणी ने सहर्ष स्वीकार किया।
सितंबर में नई सूची, छंटनी जारी रहेगी
आम-सभा में रामजी पाण्डेय, विकास चौहान, विजय सिंह यादव, सूरज पाण्डेय, शाहिद पठान, अशोक दीक्षित, रवि शर्मा, नीरज तिवारी, सिद्धार्थ, प्रांजुल मिश्रा समेत कई अन्य सदस्यों ने सुझाव दिए। प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई ने कहाकि, प्रतिष्ठा की लड़ाई में सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी सहयोग के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहाकि, वर्षों पुरानी संस्था की प्रतिष्ठा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि, सदस्यता सूची का पुनरीक्षण बेहद गंभीरता से किया जाएगा, और सितंबर माह में नई सूची को चस्पा किया जाएगा। श्री बाजपेई ने प्रेस क्लब से सदस्यों से आग्रह किया कि यदि प्रेस क्लब से जुड़े किसी पत्रकार के अनैतिक-आपराधिक मामलों में लिप्त होने की जानकारी मिले तो प्रेस क्लब कार्यकारिणी तथा लीगल कमेटी से अवश्य साझा करें। महामंत्री शैलेश अवस्थी ने सुझावों का स्वागत करते हुए कहाकि, किसी भी पत्रकार का उत्पीड़न तथा मित्था आरोप स्वीकार्य नहीं हैं। आम-सभा में मोहित मिश्रा, कौस्तुभ शंकर मिश्रा, गगन पाठक, दीपक सिंह, सुनील साहू, अनंत शर्मा, अमित चौहान, वेद गुप्ता, अतुल समेत 100 से अधिक पत्रकार मौजूद रहे l