3 दिनों में पनकी में शुरू होगा बिजली उत्पादन:लाइट डीजल ऑयल से बनेगी 660 मेगावॉट बिजली; झारखंड से आएगा कोयला
पनकी में 660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट से दो-तीन दिनों के अंदर तेल (लाइट डीजल ऑयल) से बिजली बनना शुरू हो जाएगी। ऑयल सिंक्रोनाइजेशन की प्रक्रिया सोमवार से प्लांट में शुरू हो गई। इसके एक महीने के भीतर कोयले से कॉमर्शियल बिजली बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
इस प्लांट के बनने से कानपुर और आसपास के जिलों में लाइनलॉस की वजह से ट्रांसमिशन से कम वोल्टेज मिलने की समस्या खत्म हो जाएगी। क्योंकि दूर दराज के पॉवर हाउस से ट्रांसमिशन की लाइनों से बिजली आने-जाने में बिजली बर्बाद हो जाती है और वोल्टेज कम होता है।
झारखंड से आएगा कोयला
कोयले की खदान तय पनकी के 660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट से बिजली का उत्पादन करने के लिए झारखंड की खदान से कोयले की खरीद की आपूर्ति का समझौता हो चुका है।
खरीदे गए हैं दो रेल डीजल इंजन
प्लांट प्रबंधन ने 14 करोड़ रुपये की लागत से दो डीजल इंजन खरीदे हैं, जो मालगाड़ी को पनकी धाम रेलवे स्टेशन से अपनी साइडिंग तक आने वाली रेक को लाने और ले जाने का काम करेंगे। एक इंजन पनकी पॉवर प्लांट आ चुका है।
बीएचईएल ने 22 किमी की रेलवे लाइन भी रेलवे की संस्था राइट्स से बनवाई है। साइडिंग से पॉवर प्लांट तक करीब छह किमी के रेलवे ट्रैक के अलावा बाकी रेल लाइन परिसर में अलग-अलग हिस्सों तक बिछाई गई है।
एक माह बाद कोयले से उत्पादन
पनकी पावर प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक जीके मिश्रा ने बताया कि ऑयल सिंक्रोनाइजेशन से बिजली बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। दो से तीन दिन के भीतर बिजली बनेगी। इसके एक महीने के भीतर कोयले से बिजली उत्पादन होगा।
सुमित सिंह की रिपोर्ट