भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा मेडिकोलीगल कार्यशाला का आयोजन।
कानपुर नगर, भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा आईएपी मेडिको लीगल चैप्टर के तत्वावधान में एक मेडिकोलीगल कार्यशाला का आयोजन एलटी-1 मेडिकल कालेज में हुआ। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर संजय काला, उपप्रधानाचार्य डॉ रिचागिरी, आई ए पी मेडिकोलीगल चैप्टर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे के गुप्ता, डॉ यशवंत राव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आई ए पी मेडिकोलीगल चैप्टर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जे. के. गुप्ता ने अपने संबोधन ने कहा कि चिकित्सा व्यवसाय में कानूनी अड़चनें एवं डॉक्टरों और अस्पतालों पर मुकदमें लगातार बढ़ते जा रहे हैं डॉक्टरों पर उपभोक्ता फोरम के अलावा क्रिमिनल मुकदमें दर्ज हो रहे हैं जिससे चिकित्सा जगत आहत है इलाज के दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ने या मृत्यु होने पर डॉक्टरों पर क्रिमिनल केस दर्ज होने और गिरफ्तारी को रोकने हेतु सुप्रीम कोर्ट ने जैकब मैथ्यूज बनाम पंजाब राज्य, मार्टिन डिसूजा बनाम मो अशफाक, लतिका कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, कुसुम शर्मा बनाम बत्रा हॉस्पिटल के केस में स्पष्ट गाइडलाइन जारी की हैं सुप्रीम कोर्ट की उपरोक्त गाइडलाइन का अनुपालन न होने की वजह से पिछले वर्ष राजस्थान की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अर्चना शर्मा गैर-इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज होने पर आत्महत्या कर ली थी इस तरह की दुखद घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं |
अटल बिहारी वाजपेई इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल साइंस के डायरेक्टर डा० शशिकांत त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के लगभग सभी प्रदेशों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है | इसकी रोकथाम हेतु सरकार और पुलिस प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उनके साथ हिंसा की स्थिति में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के अंतर्गत अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवा कर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिए मीडिया से भी अपेक्षा है वो मरीज चिकित्सकों के मध्य बढ़ती अविश्वास की खाई को पाटने में एक सार्थक भूमिका अदा करे एक पक्षीय खबर छापने से बचे झोलाछाप के द्वारा किए गए कृत्यों को डॉक्टरों से न जोड़े जिससे चिकित्सकीय पेशे के प्रति अविश्वास न बढ़े चिकित्सकों के द्वारा किए जा रहे अच्छे इलाज और सामाजिक कार्यों को भी खबरों में स्थान दे।कार्यक्रम का संचालन आई ए पी कानपुर के अध्यक्ष पूर्व बाल रोग विभागाध्यक्ष डा० यशवंत राव द्वारा किया गया। कार्यशाला में लगभग 70 से 80 डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया जिसमें प्रमुख रूप से डॉक्टर मौर्य, डॉक्टर महेश खट्टर, डॉक्टर रूपा डालमिया सिंह, डॉक्टर निधिका पाण्डेय,डॉक्टर नेहा अग्रवाल, डॉक्टर प्रतिभा सिंह आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।आई ए पी सचिव डॉ अमितेश यादव ने सभी का धन्यवाद किया।
हरिओम की रिपोर्ट