कानपुर में कमिश्नरेट पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यातायात सुधारने की कवायद में जुटी कमिश्नरेट पुलिस आंखें मूंद कर कट बंद कर रही है।
हार्ट अटैक के बाद करीब आधा पौन घंटे का समय मरीज के लिए गोल्डन ऑवर होता है। इस अवधि में अगर मरीज को इलाज नहीं मिला तो उसकी जान पर बन सकती है। लेकिन ये बातें शहर के जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की समझ से परे हैं। यातायात सुधारने की कवायद में जुटी कमिश्नरेट पुलिस आंखें मूंद कर कट बंद कर रही है।
शुक्रवार देर रात गंभीर मरीजों की लाइफ लाइन साबित होने कॉर्डियोलॉजी के सामने वाले कट को बंद कर दिया गया। कट बंद होने से शनिवार को कॉर्डियोलॉजी जाने वाले मरीजों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। उन्हें लंबा चक्कर लगाकर घूम कर कॉर्डियोलॉजी जाना पड़ रहा है।
बर्रा दो निवासी मनोज श्रीवास्तव उर्फ लाला की मां राजेश्वरी के सीने में शनिवार सुबह अचानक से दर्द उठा।
रावतपुर कट 2
वह अपनी मां को निजी साधन से लेकर कोका कोला चौराहा से गोल चौराहा होते हुए कॉर्डियोलॉजी के सामने पहुंचे तो देखा कट बंद था। हड़बड़ाहट में उन्होंने गाड़ी बैक कर करने का प्रयास किया, लेकिन पीछे वाहनों की कतार होने से वह गाड़ी नहीं मोड़ सके। इसके बाद वह रावतपुर तिराहा पहुंचे, वहां पर भी बेरीकेडिंग लगी हुई थी।
इसके बाद मनोज शारदा नगर से यूटर्न लेकर अस्पताल पहुंचे। तब तक उनकी मां तड़फती रहीं। यह उदाहरण एक बानगी मात्र है। न जाने कितने मनोज शनिवार को कॉर्डियोलॉजी के सामने कट बंद करने से परेशान हुए होंगे। शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने रावतपुर क्रॉसिंग का निरीक्षण किया था।
जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने देर रात कॉर्डियोलॉजी के सामने बने कट व रावतपुर तिराहा पर बेरीकेडिंग लगा दी। जिससे कॉर्डियोलॉजी जाने वाले मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। शनिवार को कॉर्डियोलॉजी जाने वाले मरीज ट्रैफिक पुलिस के बेतरतीब किए गए डायवर्जन से घनचक्कर बने दिखे।
दोनों तरफ दिखा जाम ही जाम
शनिवार को कट बंद होने के बाद गोल चौराहे से रावतपुर तिराहा तक दोनों लेन में भीषण जाम की समस्या से लोगों को सामना करना पड़ा। कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही, जिसमें फंस कर मरीज कराह उठे।
200 कदम के बजाये ढाई किमी का चक्कर
काकदेव से कॉर्डियोलॉजी जाने वाले मरीजों को 200 कदम के बजाये ढाई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रेवमोती से रावतपुर क्रॉसिंग जाने का रास्ता पहले से बंद है, जिस कारण मरीजों को सर्वोदय नगर, सेवायोजन कार्यालय होकर क्रॉसिंग पार कर जीटी रोड से गोल चौराहा होते हुए शारदा नगर से यूटर्न लेकर जाना पड़ता है।
कॉर्डियोलॉजी कट का मुद्दा उठ चुका है सदन में
पूर्व में डीसीपी ट्रैफिक रवीना त्यागी ने भी रावतपुर क्रॉसिंग पर जाम से निजात के लिए कॉर्डियोलॉजी पर बेरीकेडिंग लगाई गई थी। जिससे मरीजों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा था। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने यह मुद्दा सदन में उठाया था। जिसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लेकर कॉर्डियोलॉजी कट से बेरीकेडिंग हटवाई थी।
बोले जिम्मेदार
यह गंभीर मुद्दा है, मैंने सदन में कॉर्डियोलॉजी तक एक अलग मार्ग बनाने का मुद्दा उठाया था। बेरीकेडिंग हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। दिल के मरीजों के लिए एक मिनट भी महत्वपूर्ण है। -सुरेंद्र मैथानी, विधायक, गोविंद नगर विधानसभा
रावतपुर तिराहा व कॉर्डियोलॉजी कट पर बेरीकेडिंग हटवाने के लिए पुलिस कमिश्नर से बात करुंगी। मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। -नीलिमा कटियार, भाजपा विधायक, कल्याणपुर
कमिश्नरेट पुलिस का यह निर्णय मरीजों के लिए खतरनाक साबित होगा। कॉर्डिक पेंशेट को एक मिनट भी इंतजार नहीं कराया जाता है, फिर कट बंद करना आश्चर्यजनक निर्णय है। मरीज जाम में न फंसे इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को कट पर एक पिकेट की व्यवस्था करनी चाहिए। -हसन रूमी, सपा विधायक, कैंट
मैंने पहले भी विधान सभा में नोटिस देकर यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद कट से बेरीकेडिंग हटाई गई थी। दोबार कट बंद करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर कट से बेरीकेडिंग हटवाई जाएगी। – *अमिताभ बाजपेई, सपा विधायक, आर्य नगर
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मरीज आने पर हटा दी जाएगी बेरीकेडिंग
यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कॉर्डियोलॉजी व रावतपुर तिराहा पर बेरीकेडिंग ट्रायल के रूप में लगाई गई है। मरीजों को कोई असुविधा न हो इसके लिए कांस्टेबलों की तैनाती की गई है। एंबुलेंस व निजी गाड़ियों से आने वाले मरीजों के लिए कांस्टेबलों को बेरीकेडिंग हटाने के निर्देश दिए गए हैं। आस्कमिक सेवा के लिए गाड़ियां गोल चौराहे से उल्टी दिशा में भी आ सकती हैं। – *सृष्टि सिंह, एसीपी, ट्रैफिक*
*सुमित सिंह की रिपोर्ट*