लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा ट्रक टैक्सी चालकों का विरोध
मार्गो और चौराहो पर साधन पाने के लिए लगी रही भीड, लोगों पैदल चलकर पहुंचे अपने गन्तव्य तक
टैक्सी यूनियन के लोगों ने की आम जनता से अभद्रता, हाथ पकड कर टैक्सी, ईरिक्शा से सवारियों को खीचा
कानपुर नगर, भारत सरकार द्वारा नए हिट एण्ड रन कानून के विरोध में दूसरे दिन मंगलवार को भी ट्रक, बस व टैक्सी यूनियन का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को आम जनता को ज्यादा परेशानी का सामना करना पडा। ऐसे में ई-रिक्शा ने रोजमर्रा के काम पर जाने वाले लोगों को काफी सहारा दिया, लेकिन सोमवार की तरह कल भी कानपुर की सडकों पर टैक्सी यूनियन के लोगों द्वारा ऑटो, टैक्सी और ईरिक्शा को रोका गया। इतना ही नही जहां ईरिक्शा चालकों के साथ हांथापाई की गयी तो वहीं सवारियों के साथ भी अभद्र व्यवहार करते हुए उनका हाथ पकडकर ऑटो और ईरिक्शा से उतार दिया गया। इसी के साथ ही अब इस हडताल का व्यापक असर दिखाई देने लगा है। कानपुर के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश और अन्य कई राज्यों से लगातार चालकों के विरोध की खबरे आती रही। दूसरी तरफ बाजार पर भी इसका प्रभाव कल से देखने को मिलने लगा। कुछ ही सही लेकिन आम दिन के जरूरत के सामानों के दाम मंहगे होने लगे तो पेट्रोलपंपो पर भी हजारो की संख्या में बाईको की भीड दिखी। शहर के कई पेट्रोल पंपो पर पेट्रोल देना ही बंद कर दिया गया।
हिट एंड रन कानून का विरोध अब तेज होने लगा है और इसका व्यापक असर आम जिंदगी को प्रभावित करने लगा है। जहां लोगों को आने-जाने मेें परेशानी होने लगी है तो वहीं फल, सब्जी, दूध और अन्य सामानो के दामों में वृद्धि होने लगी है। प्रशासन द्वारा ट्रासपोर्टर्स से लगातार बात कर स्थिति संभालने का काम किया जा रहा है। बतादें कि इस नए कानून के तहत चालक की लापरवाही से होने वाली मौत पर कुछ प्रावधान किए गऐ है, जिसमें यदि हादसे में चालक की लापरवाही सामने आती है और वह पुलिस या मजिस्ट्रेट को बिना सूचना दिए भाग जाता है तो सात लाख रूपए जुर्माने के साथ दस वर्ष की सजा का प्रावधान है। यह बी बतातें चले कि देश में 95 लाख से ज्यादा ट्रक सडकों पर दौड रहे है, जो व्यवस्थाओं की रीढ माने जाते है और प्रति वर्ष 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हुए यह ट्रक आम आदमी की जरूरतों का सामान एक राज्य से दूसरे राज्यो तक पहुंचाते हे। देश में 80 लाख से अधिक ट्रक चालक है और इस विरोध तथा हडताल के कारण आने वाले समय में कोई निष्कर्ष निकलने पर आम जिंदगी पर इसका सीधा और व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है।
सडकों पर लोग होते रहे परेशान, ईरिक्शा बना सहारा
नए कानून के तहत मंगलवार को भी सडकों पर टैक्सी, ऑटो नही दौडे। सुबह से ही टैक्सी यूनियन के लोग जत्थे में सडकों पर उतर आये और जो टैक्सी या ऑटो सडक पर दिखाई दिये उन्हे रोकर उन चालाकों के साथ अभद्रता की गयी साथ ही कई स्थानो पर ईरिक्शा चालकों केसाथ मार-पीट भी की गयी तथा सवारियों का हाथ पकड कर बाहर खींच लिया गया। गुरूदेव टाकीज चौराहे पर सुबह 9 बजे से ही यूनियन के लोग सक्रीय हो गये और सडक पर उपद्रव करते दिखाई दिये, यहां सवारियों के साथ भी अभद्रता की गयी।
बढा आम जनता और टैक्सी यूनियन के लोगो से टकराव का खतरा
यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नही दिया और यह विरोध हडताल कुछ दिन और चली तो संभव है कि टैक्सी यूनियन के लोगों और आम जनता के बीच टकराव हो जाये। मंगलवार को यही देखने को तब मिला, जब गुरूदेव चौराहे के पास यूनियन के लोगो ने कुछ ऑटो और ईरिक्शा चालकों को रोक लिया तथा अभद्रता की। यहां तक ठीक था लेकिन इनमें बैठी सवारियों को हाथ पकड कर बाहर निकाला गया,जिमसें बुजुर्ग और महिलाये भी थी, जिसके बाद आम लोगो में आक्रोश भी दिखा। जनता में लोगों का साफ कहना था कि ईरिक्शा यदि चल रहे है तो उनकों रोकना अनुचित है, इससे आम लोगों को बहुत परेशानी होगी। लोगों ने यह भी कहा कि यदि यूनियन वाले सवारियों के साथ दुर्व्यवहार करते है तो मार भी खायेंगे। अधिकांश जनता द्वारा नए कानूनो की सराहना की गयी।
पेट्रोल पंपों में लगी बाइको की भीड, कई पेट्रोल पंप हुए खाली
कानपुर में अब नए कानून के विरोध और चालकों की हडताल जहां तेज हो रहीहै तो वहीं पेट्रोल पंपों में भारी भीड दिखाई दी। कुछ पेट्रोल पंप खाली हो चुके है तो कुछ मुख्य मार्गो और चौराहो के पास पडने वाले पंपों पर बाइक सवारों की भारी भीड बनी रही। बाइक स्वामियों को आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक का पेट्रोल भराने के लिए इंतजार करना पडा। पेट्रोल पंप के संचालको की माने तो तीन दिनो से गाडी नही आई है और अब उनका स्टाक या तो समाप्त हो चुका है, या समाप्त होने के कगार पर है वहीं डीजल की भी यही स्थिति बनी हुई है। रसोई गैस पर भी इसका प्रभाव पडने लगाहै। कुछ ही दिनों में शादी-विवाह का सीजन भी शुरू हो जायेगा और यदि ऐसे में जल्द ही कोई निष्कर्ष नही निकला तो मुसीबत बढ सकती है।
संवाददाता
हरिओम की रिपोर्ट