कानपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही: 40 में से आधे दरोगा नहीं जोड़ पाए कार्बाइन, निशानेबाजी में भी हुए फेल
*कानपुर डिस्ट्रिक हेड। राहुल द्विवेदी।*
कानपुर पुलिस लाइन में शनिवार को आयोजित हथियारों के अभ्यास सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। शहर के 20 थानों से बुलाए गए 40 उप-निरीक्षकों (दरोगाओं) में से 50 प्रतिशत कार्बाइन जैसे महत्वपूर्ण हथियार को असेंबल (पुर्जे जोड़ना) करने में नाकाम रहे। इतना ही नहीं, जब बारी निशानेबाजी की आई, तो वहां भी आधे से ज्यादा दरोगा ‘मिसफायर’ या गलत निशाने का शिकार हुए।
*हथियारों के पुर्जों में उलझे नजर आए ‘खाकी’ के धुरंधर*
पुलिस लाइन में नियमित प्रशिक्षण के तहत दरोगाओं को कार्बाइन और पिस्टल खोलने व जोड़ने का टास्क दिया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कई दरोगा पुर्जों को सही क्रम में सेट करने के लिए घंटों जूझते दिखे, लेकिन सफल नहीं हो पाए। जिस हथियार को आपात स्थिति में चंद सेकंडों में तैयार हो जाना चाहिए, उसे जोड़ने में दरोगाओं की विफलता ने पुलिस की तैयारी और प्रशिक्षण पर सवालिया निशान लगा दिया है।
*पिस्तौल मिली गंदी, रख-रखाव की खुली पोल*
निरीक्षण के दौरान केवल हथियारों को चलाने में ही कमी नहीं दिखी, बल्कि उनके रख-रखाव में भी भारी लापरवाही सामने आई। कई दरोगाओं की सर्विस पिस्टल में धूल और गंदगी जमा पाई गई। नियमानुसार, हथियारों की नियमित सफाई अनिवार्य है ताकि वे ऐन वक्त पर जाम न हों। गंदी पिस्टल मिलना यह दर्शाता है कि फील्ड ड्यूटी के दौरान हथियारों की देखरेख को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
*अधिकारियों ने लगाई फटकार, दी चेतावनी*
इस निराशाजनक प्रदर्शन पर संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) विनोद कुमार सिंह ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा कि हथियारों के प्रति ऐसी उदासीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
“हथियार पुलिस का सबसे भरोसेमंद साथी है। यदि हमारे जवान इसे चलाने या संभालने में ही सक्षम नहीं होंगे, तो वे जनता की सुरक्षा कैसे करेंगे? सभी को नियमित अभ्यास करने और अपने हथियारों को दुरुस्त रखने की सख्त चेतावनी दी गई है।”
— विनोद कुमार सिंह, JCP
*अब दोबारा होगी ट्रेनिंग*
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिन दरोगाओं का प्रदर्शन खराब रहा है, उन्हें दोबारा




