कानपुर पुलिस की बड़ी कामयाबी: 15 साल बाद मिला इनामी मिथुन शेख
डिस्ट्रिक हेड। राहुल द्विवेदी
कानपुर कमिश्नरेट के अंतर्गत सेंट्रल जोन की कर्नलगंज थाना पुलिस, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ (STF) की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ₹25,000 का इनामी अपराधी मिथुन शेख, जिसकी तलाश पुलिस पिछले डेढ़ दशक से कर रही थी, महाराष्ट्र की पुणे जेल में सलाखों के पीछे पाया गया है।
क्या था मामला?
यह मामला साल 2010 का है, जब कानपुर के प्रतिष्ठित पीपीएन मार्केट (PPN Market) स्थित एक बड़े शोरूम में लाखों रुपये की सनसनीखेज चोरी हुई थी। इस वारदात को अंजाम देने के बाद मिथुन शेख फरार हो गया था। पुलिस ने उस पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया था, लेकिन वह लगातार अपनी पहचान और ठिकाने बदलता रहा।
15 साल की लंबी तलाश
पुलिस की टीमें पिछले 15 वर्षों से उसकी तलाश में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही थीं। मिथुन शेख इतना शातिर था कि उसने पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अलग-अलग राज्यों में नए अपराध किए और अलग पहचान के साथ जेल भी गया।
पुणे जेल में कैसे मिला सुराग?
कर्नलगंज थाना प्रभारी विनीत कुमार के अनुसार, तकनीकी सर्विलांस और खुफिया सूचनाओं के विश्लेषण के दौरान पुलिस को इनपुट मिला कि मिथुन महाराष्ट्र में सक्रिय है। जांच में पता चला कि वह पहले सोलापुर जेल में बंद था और वर्तमान में वह पुणे की जेल में निरुद्ध है। वहां भी उस पर चोरी और सेंधमारी के कई मुकदमे दर्ज हैं।
वर्तमान स्थिति और आगामी कार्रवाई
मिथुन शेख के खिलाफ चोरी की कई एफआईआर पहले से दर्ज हैं। वह एक पेशेवर अंतर-राज्यीय चोर है जो राज्यों की सीमाएं बदलकर वारदातों को अंजाम देता था।
वारंट की प्रक्रिया: कानपुर पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में लेने की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए स्थानीय अदालत में बी-वारंट (Production Warrant) दाखिल किया जा रहा है।
पूछताछ: कानपुर लाए जाने के बाद, पुलिस उससे 2010 की चोरी के माल की बरामदगी और उसके गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ करेगी।
यह गिरफ्तारी उन अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है जो सोचते हैं कि समय बीतने के साथ कानून के हाथ उन तक नहीं पहुंचेंगे।




