कानपुर पुलिस का साइबर ठगों पर सर्जिकल स्ट्राइक: फर्जी ‘क्राइम ब्रांच’ अधिकारी बनकर ठगी करने वाला गिरोह दबोचा
डिस्ट्रिक हेड। राहुल द्विवेदी।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगर कानपुर में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। कानपुर पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को पुलिस और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर आम जनता को ब्लैकमेल करता था। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 5 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
अश्लील वीडियो का डर दिखाकर करते थे वसूली
पकड़ा गया गिरोह बेहद शातिराना ढंग से काम करता था। साइबर क्राइम थाना पुलिस के अनुसार, ये अपराधी भोले-भले लोगों को निशाना बनाते थे। उन्हें फर्जी कॉल के जरिए डराया जाता था कि उनके नाम पर अश्लील वीडियो या आपत्तिजनक सामग्री मिली है। इसके बाद आरोपी खुद को पुलिस का बड़ा अधिकारी बताते हुए केस दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी देते थे। बदनामी के डर से जब पीड़ित घबरा जाता, तब ये अपराधी मामले को रफा-दफा करने के लिए UPI और QR कोड के माध्यम से मोटी रकम वसूलते थे।
पंकज निकला गिरोह का मास्टरमाइंड
इस पूरे गिरोह की सबसे चौंकाने वाली कड़ी इसका सरगना पंकज निकला। कद में सबसे छोटा होने के बावजूद पंकज इस पूरे संगठित अपराध का ‘मास्टरमाइंड’ था। वही तय करता था कि किसे निशाना बनाना है और ठगी के पैसे को किस तरह ठिकाने लगाना है। तकनीकी सर्विलांस और सटीक सूचना के आधार पर साइबर क्राइम थाने की टीम ने घेराबंदी कर पंकज समेत गिरोह के 5 सदस्यों को धर दबोचा।
डिजिटल साक्ष्य और नकदी बरामद
पुलिस टीम ने अभियुक्तों के कब्जे से भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं। इनमें ठगी में इस्तेमाल होने वाले कई मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड, सिम कार्ड और नकद राशि शामिल है। पुलिस अब इन अभियुक्तों के बैंक खातों को खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अब तक इन्होंने कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।
पुलिस टीम की सराहना
इस सफल ऑपरेशन में प्रभारी निरीक्षक संदीप यादव, निरीक्षक अमान सिंह और साइबर क्राइम थाने के अन्य पुलिसकर्मियों की अहम भूमिका रही। पुलिस आयुक्त ने टीम की पीठ थपथपाते हुए कहा कि साइबर अपराध के प्रति कानपुर पुलिस ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। इस कार्रवाई से अपराधियों में भय और आमजन में सुरक्षा का भाव पैदा हुआ है।




