मंडी शुल्क व विकास शुल्क मुक्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन
कानपुर नगर, श्री अन्न में देश के 25 राज्यों में मंडी शुल्क व विकास शुलक मुक्त करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन ई मेल से पीएम तथा केंद्रीय कृषि मंत्री को भेजने के उपरांत कोपरगंज कार्यालय के बाहर एकत्र भारतीय कृशि उत्पाद उधोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र, महानगर अध्यक्ष गुरूजिन्दर सिंह तथा अन्य पदाधिकारियों ने एकत्र होकर तथा ज्ञापन की प्रतिलिपि हाथ में लेकर अपनी मांगो को लेकर आवाज उठाई।
ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा गया कि अन्न मिलेट्स में उप्र में मंडी शुल्क सबसे अधिक 1,5 प्रतिशत है जबकि एमपी में 1,2, पंजाब में 1,1 और इसी प्रकार अन्य राज्यों में है। इसी तरह देश के कुल 25 राज्यों में मंडी अधिनियम या एपीएमसी एक्ट लागू है। इन सभी राज्यों में मंडी शुल्क की श्री अन्न में अलग अलग दरें है, जबकि बिहार व दिल्ली में किसी भी कृषि उत्पाद में कोई मंडी शुल्क नही है। कहा कि आपके प्रयास व प्ररेणा से संयुक्त राष्ट्र के आवाहन पर भारत सहित 72 देश वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेटस ईयर के रूप में मना रहे है, दूसरी तरफ देश में श्री अन्न के व्यापार व उधोग में बाधा के रूप में मंड अधिनियम के तहतत मंडी शुल्क सति इससे जुडे कई कागजों की प्रक्रिया लागू है जिसे समाप्त होना चाहिये। व्यापार व उधोग को बढावा देने के लिए इज ऑफिस डुइंग बिजनेस की अवधारणा के तहत पूरे देश में मंडी अधिनियम या एपीएमसी एक्ट के तहत मंडी शुलक व इससे सम्बन्धित कागजों की प्रक्रिया को समाप्त होना चाहिऐ। कहा हमारी मांग है कि श्री अन्न के व्यापार व उधोग को सरल करकके इसको बाधा रहित करने के लिए पूरे देश में श्री अन्न मिलेट्स में मंुडी शुलक व इससे जुडे विकास शुक्ल को पूर्णतया समाप्त करने की कृपा करें।
संवाददाता
हरिओम की रिपोर्ट