*ओवरलोड वाहन व संबंधित अधिकारी और इतिश्री..!!*
संवाददाता राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट
देश मे यातायात के नियमों को लेकर जितना शोर मचाया जाता हैं उतना जमीन पर काम किया नही जाता हैं!जबकि अब ढंड का समय चल रहा हैं और इस ढंड में धुंध भी अपना कहर ढा रही हैं ओर कुछ जिलों में ओवरलोड वाहन बेरोकटोक दौड़ रहे हैं! न इनकी चेकिंग होती है और न ही सख्त कार्रवाई!ओवरलोड वाहन देहात,शहरो और नो इंट्री वाले इलाकों में कब और किस समय गुजरने चाहिए इसके लिए कई तरह के नियम बने हैं!इन वाहनों की चेकिंग की जिम्मेदारी पुलिस, परिवहन, खनन और वाणिज्यकर विभाग की है लेकिन इन विभागों की लापरवाही के चलते शहरों में दिन के समय भी रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्राला, गन्ने के ट्रक और ट्राला समेत अन्य ओवरलोड वाहन बेखौफ गुजरते हैं! ओवरलोड ट्रक और रेत से भरे वाहनों से कब हादसा हो जाए कहा नहीं जा सकता!जब इस बारे में ट्रैफिक व परिवहन विभाग के अधिकारियों से बात की जाएं तो उनका कहना था कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती हैं! जबकि हकीकत में माह में दो-चार उससे कुछ ज्यादा ट्रकों को पकड़ कर चालान करने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों से जुर्माना की रसीद कटवा कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं!वही कुछ मार्गो से रोजाना छोटे- बड़े करीब कई सौ से अधिक ओवरलोड वाहन गुजरते हैं!सूत्रों की माने तो इससे ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को तो माह में लाखों रुपए की आमदनी होती हैं! लेकिन सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा हैं!अगर इन ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश नहीं लग पायेगा तो ना जाने सड़को पर कितनी जाने भी दुर्घटनाओं में जा सकती हैं सरकारो को इस ओर ध्यान देना चाहिए और जबरदस्त तरीके से ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लानी चाहिए जिससे कुछ जाने बचाई जा सके।