क्या तहसील दिवस में #पत्रकारों_कवरेज_करना है वर्जित.. ❓
👉मीडिया का कैमरा बंद कराने का #सीओ_ने_डलमऊ_कोतवाल को किया इशारा
👉 #पत्रकारों को करना है कवरेज तो #क्षेत्राधिकारी_डलमऊ से लेना पड़ेगा परमिशन
👉 #आला_अधिकारियों के #नाक के नीचे #डलमऊ_सीओ का रवैया बना चर्चा का विषय…
लोकतंत्र के चौथे आधार स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार के उत्पीड़न की दास्तान चारों ओर देखने व सुनने को मिलता है , सरकारी किरदार हो या खाकी वर्दी पहने पुलिसकर्मी हर मौके की तलाश में रहते हैं कि पत्रकारों पर कैसे शिकंजा कसा जाए , अक्सर न्याय की लड़ाई में जब पत्रकार खुलकर पीडित की आवाज को उच्च अधिकारियों के कानों तक पहुंचाता है , तो जिम्मेदारों को बड़ी तकलीफें होती हैं ऐसा ही कुछ डलमऊ तहसील समाधान दिवस में देखने को मिला
#तो_क्या_सीओ_डलमऊ_के_इशारों_पर_चलेगा_मीडिया_कर्मियों_का_कैमरा
तमाम पीड़ित जब अपने चप्पल घिस घिसकर छुटभइया अधिकारियों के चौखट में जा जाकर थक गए और उनके हाथ सिर्फ निराशा लगी , ऐसे में उच्चाधिकारियों की आने की भनक लगते ही तहसील दिवस समाधान में पीड़ितों का जमावडा लग गया क्योंकि डीएम व कप्तान के निष्पक्ष न्याय पर आम जनमानस को ताबड़तोड़ विश्वास होता है , ऐसे ही समाधान दिवस के एक बुजुर्ग पीडित अपनी उच्चाधिकारियों को अपनी दास्तान सुना रहा था, उच्च अधिकारी भी गौर से उनकी समस्याओं को सुन रहे थे कुछ मीडिया कर्मी भी साइड खड़े होकर पीड़िता के दास्तान को सुन रहे थे , ऐसे में कुछ मीडियाकर्मियों को पीड़ित का दर्द देखा ना गया और मीडियाकर्मी फोटो क्लिक करने के उद्देश्य फोन निकलने लगे , इतने में डलमऊ सीओ साहब का पारा हाई हो गया और डलमऊ कोतवाल को इशारा करते हुए मीडिया कर्मी के कैमरे को बंद कराने को कहा , हालांकि डलमऊ कोतवाल बड़े ही लहजे मीडिया कर्मियों को इशारा करते हुए कहा कि सीओ साहब मना कर रहे हैं रहने दीजिए
#आखिर_इन_सवालों_का_कौन_देगा_जवाब…
सरकारी नुमाइंदों के पक्ष में जब खबर चलती है तो बड़े ही गदगद हो जाते और फूले नहीं समाते, कई बार तो खुद पत्रकारिता का रोल अदा करते नजर आते हैं, क्या सरकारी नुमाइंदों व पुलिस कर्मियों के इशारों पर मीडियाकर्मी कवरेज करेंगे….❓ क्या अब खाकीवर्दी पहने जिम्मेदारों के इशारों पर मीडिया का कैमरा चलेगा…❓ क्या थाना दिवस समाधान दिवस इत्यादि दिनो में पत्रकारों को आसपास भटकना भी है वर्जित…❓ क्या डलमऊ सीओ साहब बताएंगे कि पत्रकारों को कैसे कब और कितना खबर कवर करना है…❓ ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी उठता है , कि खामियां दिखाने वाले पत्रकारों को रेवड़ियों की तरह नोटिस भेजाने वाले जिम्मेदार खबर पर पत्रकार को लाखों की नोटिस भेजकर कैसे जवाब मांग लेते हैं।
सुमित सिंह की रिपोर्ट
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