*सबसे बड़ा सवाल: आखिरकार योगीराज में बगैर उद्घाटन के खनन माफिया यमुना पुल की क्यों उड़ा रहे धज्जियां….!*
*ओवरलोड वाहनों की धमा चौकड़ी से पुलिस, राजस्व, खनन विभाग एवं एआरटीओ प्रशासन क्यों बना मूकदर्शक….!*
*खदानों से ओवरलोडिंग रोकने में नाकाम, 04 ट्रैकों का राजस्व वसूलकर क्यों विभाग अपनी पीठ थपथपा रहे हैं….…!?*
*अगर मोरम भरा ओवरलोड ट्रक नहर में ना पलटाता तो भी 04 ट्रैकों पर नहीं होती कार्यवाही….!?*
*असोथर क्षेत्रवासियों के लिए ओवरलोड वहां बने मुसीबत, भीषण जाम से जूझ रही आवाम….!*
*पुलिस और खनन की टीम ने ओवरलोड 04 वाहनों का चालान कर वसूले पांच लाख रुपये*
*कानपुर डिस्टिक हेड
राहुल द्विवेदी की खास रिपोर्ट*
*असोथर फतेहपुर।* ओवरलोडिंग को रोकने के लिए भले ही अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही हो लेकिन खदानों से ओवरलोडिंग रोकने में विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। ओवरलोड ट्रकों का चालान काट कर विभाग लाखों का राजस्व वसूल कर अपनी पीठ थपथपा ले रहा है किंतु खदानों से हो रही ओवरलोडिंग नहीं रोक पा रहा है। सोचने की बात है अगर खदानों से हो रही मोरम की ओवरलोडिंग पर ही लगाम लगा दी जाए तो ट्रक चालक ओवरलोड मोरम भर कर सड़कों पर फर्राटा ही न भरे । लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। जबकि खदानों से ओवरलोडिंग रोकने के लिए शासन स्तर से कई कड़े नियम बनाए गए हैं। लेकिन जिले की खदानों में नियमों को ताक पर रखकर ओवरलोडिंग की जा रही है। इसका जीता जगता उदाहरण विभाग द्वारा पकड़े जा रहे ओवरलोड ट्रक हैं।
असोथर पुलिस व खनन विभाग द्वारा ओवरलोड के खिलाफ चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में गिट्टी/मोरंग/बालू के अवैध खनन, अवैध भंडारण, अवैध परिवहन के 04 वाहनों का चालान कर 5,08000/-रुपये का राजस्व वसूल किया गया।
वहीं असोथर में बांदा जिले के मार्क मोरम खनन केंद्र से मोरम लाद कर आ रहा ओवरलोड ट्रक स्थानीय सुजानपुर रजबहा नहर में पलट गया। चालक व क्लीनर ने कूद कर किसी तरह अपनी जान बचाई। जानकारी के अनुसार उपरोक्त ओवरलोड ट्रक मार्का खदान से मोरम लादकर बीती देर रात 9:00 के करीब सुजानपुर रजबहे में पलट गया। जिससे आवागमन प्रभावित हो गया। ट्रक ड्राइवर ने बताया कि जब रास्ते में कंटेनर के फंसे होने पर उसे निकलने के बाद ही ट्रक निकालने की बात कही, किंतु खदान संचालक के कर्मियों एवं गुर्गों ने चार पहिया वहां से डंडे लेकर आए और गाली गलौज करते हुए जबरन ट्रक निकालने को कहा, जिस पर नहर में चल रहे पानी की वजह से पटरी की मिट्टी दब गई और ट्रक नहर में पलटने लगा जैसे ही ट्रक झुकना शुरू हुआ तो उसने और क्लीनर ने साइड से कूद कर जान बचाई। उसके बाद खदान संचालक के गुर्गे एवं कर्मचारीयों मौके से भाग गए। ट्रक मालिक ने भी बीमारी से ग्रसित होने की बात कहीं। नहर का पानी जमा होने से आसपास के घरों सहित खेतों की फसलों को खराब करने लगा। बीते दोपहर को आई पुलिस ने नहर का पानी बंद कराते हुए ट्रक को क्रेन से बाहर निकाला। उधर ट्रक पलटने से नहर की दूसरी पटरी के किनारे बने मकानों में पानी भर गया जिससे घरेलू समान, गेहूं, चावल, लाही, आटा, आटा चक्की की मोटर आदि खराब हो गई। यह बात स्थानीय लोगों ने बताई है।