(जयपुर)बेंगलुरु के इंजीनियर ने जयपुर में मेट्रो के आगे कूद कर किया सुसाइड का प्रयास !
जयपुर ,14 फरवरी(आरएनएस)। बेंगलुरु के एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत 35 वर्षीय इंजीनियर यशवंथ ने मेट्रो ट्रैक पर छलांग लगाकर अपनी जान देने की कोशिश की। लेकिन ऑपरेटर की सतर्कता से उसकी जान बच गई। जयपुर मेट्रो स्टेशन पर मंगलवार दोपहर हुई घटना समाज में बढ़ते मानसिक तनाव और पारिवारिक संघर्षों का एक चिंताजनक संकेत है।इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या पारिवारिक असहमति किसी व्यक्ति को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर सकती है? क्या समाज में मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता है?
यशवंथ का घर कर्नाटक के तुमकुर में है। वह प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए निकला था, लेकिन जयपुर कैसे पहुंचा, यह रहस्य बना हुआ है। फ्लाइट से जयपुर पहुंचकर उसने आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस जांच में सामने आया कि वह गांजे के नशे में था और पहले भी नशा मुक्ति केंद्र में रह चुका था।
पूछताछ में उसने कहा कि उसे उसके घरवाले पसंद नहीं हैं, इसलिए वह सुसाइड करने जा रहा था। लेकिन सवाल यह है कि किसी व्यक्ति के मन में इतनी गहरी निराशा क्यों घर कर गई कि उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाने का फैसला कर लिया? मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी और पारिवारिक संवाद की कमजोर होती कड़ी इस समस्या की बड़ी वजह हो सकती है।
मेट्रो ट्रैक पर बाधा डालने और यात्रियों की सुरक्षा खतरे में डालने के आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। लेकिन क्या यह समस्या का समाधान है? क्या ऐसे मामलों में सिर्फ कानूनी कार्रवाई काफी है, या फिर मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है?
समाज के लिए सबक
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या परिवार और समाज के बीच संवाद की कमी आत्महत्या के मामलों को बढ़ा रही है? यह जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात की जाए और जरूरतमंद लोगों को सही समय पर काउंसलिंग और मदद मिले। वरना, इस तरह की घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी और हम सिर्फ पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मामलों की गिनती करते रह जाएंगे
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