*दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला : लंबाई 211 फुट, 40 लोगों को बनाने में लगे 4 महीने, लाखों में आया खर्च*
*संवाददाता राहुल द्विवेदी की रिपोर्ट*
*नयी दिल्ली :* आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी दिल्ली में इस दशहरा दुनिया के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. जी हां, इस पुतले की ऊंचाई 211 फुट और बनाने का खर्च लाखों में आया है.
*दुनिया के सबसे ऊंचा ‘रावण’*
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी दिल्ली में इस दशहरा दुनिया के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. जी हां, इस पुतले की ऊंचाई 211 फुट और बनाने का खर्च लाखों में आया है.
*211 फुट ऊंचा रावण का पुतला*
द्वारका में 211 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाने में 40 कारीगरों को चार महीने का समय लगा. हरियाणा के बरारा गांव के कारीगरों द्वारा निर्मित इस पुतले को 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दहन किया जाएगा.
*नवरात्र के पहले दिन हुआ स्थापित*
रामलीला समिति के अध्यक्ष राजेश गहलोत के अनुसार, नवरात्र के पहले दिन सेक्टर 10 के डीडीए ग्राउंड में ‘कलश स्थापना’ के दौरान यह पुतला स्थापित किया गया था.
*कितना आया खर्च?*
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के सबसे ऊंचे रावण के पुतले को बनाने का खर्च 30 लाख रुपये आया है. इतने महंगे पुतले को दहन करने के लिए शायद ही आपका दिल गवाही दे.
*पहनाया गया मखमली कपड़ा*
गहलोत ने बताया, ‘यह रावण का अब तक का सबसे ऊंचा पुतला है, जिसकी ऊंचाई 211 फुट है. इसे मखमली कपड़े से सजाया गया है और लोहे से बनाया गया है. इसे 40 कारीगरों की टीम ने चार महीने में बनाया है.’
*PM मोदी को भेजा निमंत्रण*
समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हर साल की तरह इस भव्य आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है. समिति के अध्यक्ष ने बताया, ‘अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है लेकिन हमें उम्मीद है.’ समिति 14 साल से रावण दहन का आयोजन करती आ रही है.
*12वां रावण दहन*
गहलोत ने बताया, ‘यह हमारा 12वां रावण दहन होगा क्योंकि हम कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल दशहरा नहीं मना पाए थे.’
*कागज से नहीं बना रावण का पुतला*
उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि पुतला बनाने में कागज का इस्तेमाल नहीं किया गया. वहीं, लव कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा कि 120 फुट का रावण का पुतला बनाने में करीब दो महीने लगे.
*कुंभकर्ण और मेघनाद के भी पुतले*
कुमार ने बताया कि रावण, कुंभकर्ण (रावण का छोटा भाई, 110 फुट) और मेघनाद (रावण का सबसे बड़ा पुत्र, 100 फुट) के पुतलों का निर्माण उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के 18 कारीगरों द्वारा किया गया है.