प्रकाशनार्थ
विवादित फ़िल्म इमरजेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग : सिखों ने जिलाधिकारी से मिल कर ज्ञापन सौंपा !
कानपुर, शुक्रवार। फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की हैं, जो सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करती है। उपरोक्त आशय की मांग को लेकर प्रमुख सिख संगठन सन्त लोंगोवाल फाउंडेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज कानपुर नगर के जिलाधिकारी से उनके कार्यालय में भेंट कर ज्ञापन के माध्यम से की। उन्होंने कहा कि यह फिल्म सिख विरोधी है और पंजाब विरोधी अभिव्यक्तियों के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने जानबूझकर सिखों का चरित्र हनन करने के इरादे से बनाई है, जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता.
प्रमुख सिख नेता एवं फाउंडेशन के अध्यक्ष सरदार हरमिंदर सिंह ने कहा कि जून 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाना समुदाय का अपमान करने जैसा घृणित कार्य है। सिख समुदाय जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता है और जून 1984 में शहीद हुए सिखों को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा कौमी शहीद (समुदाय का शहीद) घोषित किया गया है, जबकि कंगना रनौत की फिल्म में उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली अभिव्यक्ति करती रही हैं, मांग की गई है कि सरकार एवं प्रशासन को कंगना रनौत के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए. इमरजेंसी फिल्म के जारी अंशों में जानबूझकर सिखों के चरित्र को अलगाववादियों के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है।
कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि अब से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सिख विरोधी भावनाओं वाली कोई भी फिल्म रिलीज न हो। आपने साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने का आह्वान किया, क्योंकि सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण पक्षपातपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी पहले भी कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग कर चुकी है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है. इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह स्वाभाविक है कि इस फिल्म के रिलीज होने से सिख समुदाय में काफी गुस्सा और नाराजगी है, ऐसे में सरकार को तुरंत इस विवादित फ़िल्म इमरजेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए इससे सिख समाज की धार्मिक भावनाएं को भी आहत होने से बचाया जा सकेगा और देश व समाज का सर्वधर्म समभाव भी बना रहेगा। प्रतिनिधिमंडल में सरदार हरमिंदर सिंह, राजू खंडूजा, अमनजोत सिंह रौनक, परमजीत सिंह राजी आदि शामिल थे !
ब्यूरो कानपुर न्यूज
अक्षत श्रीवास्तव की रिपोर्ट