कानपुर पुलिस को बेचारे प्रेस क्लब के पत्रकारों के द्वारा सोशल मीडिया को बदनाम करने की कोशिश।
भारत सरकार द्वारा सन 1996 में आदर मीडिया के नाम से सोशल मीडिया सोशल मीडिया में आने वाले फेसबुक यूट्यूब और पोर्टल को मान्यता प्रदान की गई थी तथा भारत सरकार द्वारा अखबारों का आर एन आई अखबार पास है उनको भी पोर्टल के साथ-साथ यूट्यूब पर अकाउंट बनाकर खबर चलाने का अधिकार दिया गया था इसी क्रम में भारत में जितने भी न्यूज़ चैनल है उनके द्वारा उनके द्वारा अपना पोर्टल बनाने के साथ-साथ अपने न्यूज़ चैनलों का यूट्यूब अकाउंट भी बनाने के अनुमति दी गई इसके बाद आर एन आई नंबर द्वारा चलाए जा रहे मैगज़ीन साप्ताहिक अखबार दैनिक अखबार एवं 24 घंटे के न्यूज़ चैनल के द्वारा यूट्यूब पर अपनी खबरों का प्रसार शुरू कर दिया गया इलेक्ट्रॉनिक प्रेस क्लब द्वारा शासन एवं प्रशासन के द्वारा निर्गत किए गए सरकारी आदेशों की प्रति की छायाप्रति कानपुर नगर के पुलिस आयुक्त कार्यालय को एवं सूचना विभाग कार्यालय को प्राप्त कराई जा चुकी है इस वक्त श्रीमान पुलिस आयुक्त कानपुर को अपनी छवि को सुधारने के लिए गलत सूचना दी जा रही है कि यूट्यूबर द्वारा कानपुर में वसूली की जा रही है जबकि हकीकत यह है कि दैनिक समाचार पत्र चाहे अमर उजाला हो और चाहे कोई भी बड़ा दैनिक समाचार पत्र हो या राष्ट्रीय चैनल हो इनके द्वारा यूट्यूब पर समाचार प्रसारित किया जाता है तथा इन्हीं के द्वारा इनके पत्रकार शहर भर में सभी थानों में खबर बनाते दिखते हैं तो क्या श्रीमान पुलिस आयुक्त महोदय में समाचार पत्रों एवं राष्ट्रीय चैनलों के रिपोर्टर की छानबीन करेंगे कि चैनल द्वारा समाचार पत्र द्वारा अपनी संस्था से कितनी आइडिया दी जाती है यहां यह बताना कि नितांत आवश्यक है कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में संचालित युट्यूब एवं दिल्ली में बैठ बड़े पत्रकार रवीश कुमार अजीत अंजुम अभिसार शर्मा और लल्लनटॉप के सौरभ दिवेदी जैसे बड़े पत्रकार भी यूट्यूब के जरिए समाचार टेलीकास्ट कर रहे हैं तो क्या उन्हें भी वसूली बाज पत्रकार कहा जाएगा आज इस बैठक में जितने भी पत्रकार शामिल हुए पत्रकार है वह कानपुर प्रेस क्लब के पत्रकार हैं जिनमें पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित एक बहुत बड़े भूमिया निकले तथा कानपुर प्रेस क्लब के सैकड़ो पत्रकार इन्हीं सब धंधों में लगे हुए हैं वसूली की और बैठकर पुलिस कमिश्नर के पास झूठ बोलकर नौजवान पत्रकारों को कोशिश कर रहे हैं यदि पुलिस कमिश्नर साहब को पत्रकारों को संदेश देना था वह कानपुर की सभी पत्रकार संस्थाओं को बुलाकर यह बात करते हैं न कि कानपुर प्रेस क्लब जोकि अपने कारनामों से स्वयं प्रसिद्ध हुई है तथा पूर्व में बड़े-बड़े पत्रकारों कानपुर में मात्र कानपुर प्रेस क्लब थी बड़े पत्रकारों की बदनामी कराई है हमारा इलेक्ट्रॉनिक प्रेस क्लब के तरफ से पुलिस प्रशासन से आग्रह है कि वह देश के चौथे स्तंभ को बदनाम करने वाले लोगों को जरूर पड़े और कार्यवाही करें परंतु जिस प्रकार के आदेश प्रदान किया जा रहे हैं ये सूचना विभाग एवं चौथे स्तंभ के लिए घातक है इस प्रकार के आदेशों से भ्रम पैदा होता है और वसूलीबाज़ो को हौसला मिलता है और जो बच्चे पत्रकारिता का कोर्स करके आते हैं उनके लिए एक गलत संदेश होगा
अतः इलेक्ट्रॉनिक प्रेस क्लब की तरफ से आपसे निवेदन है की सूचना विभाग के अतिरिक्त पुलिस विभाग के द्वारा दिए जा रहे हैं निर्देशों का पालन जब भी किया जाए जबकि सूचना विभाग इस संबंध में कोई निर्देश दे क्योंकि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा योगी जी बाबा की सरकार में वर्ष 2021 में न्यू मीडिया के नाम से पोर्टल इंस्टाग्राम यूट्यूब एवं सोशल मीडिया से जुड़े सभी मीडिया के आयाम को मान्यता प्रदान की है।
निवेदक
हिमांशु श्रीवास्तव
प्रदेश संगठन मंत्री प्रेस क्लब ऑफ यूपी
राहुल द्विवेदी
जिला सगठन मंत्री.