राजेंद्र करनाल की रिपोर्ट,,
आल हरियाणा अर्थ मूवर्स वेलफेयर पदाधिकारियों ने मिट्टी को माइनिंग एक्ट से बाहर करने की मांग काे लेकर विरोध प्रदर्शन किया ,, जिसमें अजय तोमर हांसी प्रदेश अध्यक्ष, उप प्रधान श्याम सिंह राणा,,सचिव मनोज लांबा नारनौल ने कहा कि सरकार को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया जाता है। यदि सरकार उनकी मांग पर सहमत नहीं होती तो वह प्रदेश स्तर की मीटिंग करके बड़ा निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे। वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ विरोध जता सकते हैं।
उन्होंने कहा कि माइनिंग एक्ट लगने से वह मिट्टी का काम नहीं कर पा रहे हैं। उनके वाहन निर्धारित समय पर नहीं पहुंच पाते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई करने की धमकी देकर ब्लेकमेल किया जा रहा है। माइनिंग के अधिकारी चार से पांच लाख रुपए का चालान का डर दिखाते हैं। माइनिंग और एनजीटी एक्ट में गाड़ी को इंपाउंड करने की धमकी देते हैं। इस स्थिति में वह मजबूरी में फंसते जा रहे हैं। श्याम सिंह राणा ने कहा कि उनकी दिसंबर में जींद में पंचायत हुई थी। सरकार ने बातचीत के लिए बुला लिया था, लेकिन उनकी मुख्य मांग माइनिंग से मिट्टी बाहर करने की थी, जो हल नहीं की है। मीटिंग में उनको धमकी दी थी कि आप लोगों को काम करने का तरीका सीखा देंगे। उनकी गाड़ियों को बंद करके नौकरी करने पर मजबूर करने की धमकी दे रखी है। इस कारण सीएम सिटी करनाल में प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रदेशाध्यक्ष आनंद तोमर ने बताया कि काफी खेत ऊंचे होते हैं। उनको समतल करने के लिए छह से सात फुट तक मिट्टी उठानी पड़ती है, लेकिन माइनिंग एक्ट में डेढ मीटर तक ही मिट्टी उठा सकते हैं। इस कारण किसान और मिट्टी का काम करने वाले सभी लोग परेशानी हैं। ठेकेदारों ने कहा कि ओवरलोड पर प्रशासनिक अधिकारी सख्त रहते हैं, लेकिन सरकारी काम के दौरान आेवरलोड गाड़ियां चलती हैं, उस पर कार्रवाई नहीं करते। रेड जॉन में सरकारी प्रोजेक्ट के तहत कार्य करवाते हैं। जो गलत है। नियम कानून सभी के लिए बराबर होने चाहिए। इस अवसर पर नरेंद्र बतान, फूल सिंह जींद, राजेंद्र स्टौंडी, बबलू राणा सग्गा, कुलदीप शर्मा असंध, जसबीर कुंजपुरा आदि मौजूद रहे।