भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अनुसार धारा 467 का मुकदमा पंजीकृत होने के पश्चात अपराधी को करीब 10 वर्ष की सजा और जुर्माने के साथ दण्डित किया जाएगा जो शायद उन्नाव जिले के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के भू माफियाओं पर लागू नहीं होता*
*👉गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के जाजमऊ चौकी अंतर्गत कई भू माफियाओं पर सरकार द्वारा गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया था जिनमें भू माफियाओं का मुखिया रामलखन उर्फ लाखन और उसकी गैंग के साथी रंजीत निषाद और उमेश जिन्होंने सरकारी जमीनों को अवैध रूप से कब्जा कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है और ये माफिया अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर बने हुए है
उक्त भू माफियाओं पर जालशाजी,धोखाधड़ी,फर्जी सरकारी दस्तावेजों को बनवा कर सरकारी और कुर्क जमीनों को अवैध रूप से कब्जा करना व सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने के आधार पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा सरकार द्वारा पंजीकृत किया गया था जिसमे धारा 467 के अनुसार करीब दस वर्ष की सजा का प्रावधान है मगर आज भी ये माफिया गंगाघाट पुलिस की गिरफ्त से दूर बने हुए हैं आखिर क्यों??
मिली जानकारी के अनुसार कटरी पीपर खेड़ा,मझरा,जाजमऊ चौकी क्षेत्र जैसे कई इलाकों में ग्राम समाज की जमीन और कुर्क जमीनों को फर्जी तरीके से गरीब लोगों को राजिष्ट्री करने वाला रंजीत निषाद और जमीन के बिकने पर अवैध रूप से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने वाले उमेश तथा इन सभी के मुखिया रामलखन उर्फ लाखन अभी भी जिला प्रशासन की कार्यवाही के बावजूद गंगाघाट पुलिस की गिरफ्त से दूर बने हुए है आखिर किसका है इन माफियाओं पर संरक्षण किसकी आखिर किसके दबाव में पुलिस इन माफियाओं को नही कर रही गिरफ्तार*