📜 01 दिसम्बर 📜*
*🎀 विश्व एड्स दिवस 🎀*
हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य एचआईवी एवं एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना है ताकि वह इस खतरनाक बीमारी के संक्रमण से बच सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 37.9 लोग एड्स की बीमारी से ग्रसित हैं, एड्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के मुताबिक भारत में एड्स के कुल मरीजों की संख्या करीब 2.35 मिलियन है। एड्स के मरीजों की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्तर पर लोगों को एड्स के संक्रमण और बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को यह दिन मनाया जाता है।
*>> विश्व एड्स दिवस 2024 की थीम <<*
इस वर्ष, 2024, विश्व एड्स दिवस की थीम है “सही रास्ते पर चलें” । यह थीम एचआईवी/एड्स महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मानव अधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देती है। यह लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनी और सामाजिक अवरोधों को हटाने की वकालत करता है, जैसे भेदभावपूर्ण कानून और अपराधीकरण जो एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक समर्थन तक पहुँच में बाधा डालते हैं। यह अभियान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणा के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें जोर दिया गया है कि एड्स को समाप्त करने और वैश्विक स्तर पर स्थायी स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित करने के लिए सभी के अधिकारों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।
यह थीम नेताओं और समुदायों को समावेशी नीतियों को बढ़ावा देने और एचआईवी की रोकथाम, उपचार और बिना किसी कलंक के देखभाल का समर्थन करने वाले कानूनी ढांचे बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। यूएनएड्स अभियान इस बात पर प्रकाश डालता है कि एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त करना मानव अधिकारों की रक्षा, समान स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सुनिश्चित करने और दिसंबर और उसके बाद एचआईवी/एड्स से प्रभावित लोगों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने पर निर्भर करता है।
*>> विश्व एड्स दिवस का इतिहास <<*
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 1988 में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दौरान करीब 90,000 से डेढ़ लाख लोग एचआईवी से पीड़ित हैं, जोकि एड्स का सबसे बड़ा कारण था। दशकों के भीतर में इस बीमारी में तेजी से बढ़ोतरी हुई और करीब 33 मिलियन लोग एचआईवी की चपेट में आए थे। साल 1981 में आया था, इस दौरान करीब 25 लोग बीमारी के चलते अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे थे, इस बात को मद्देनजर रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस भयावह बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने, शिक्षित करने एवं इस बीमारी से बचाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाने के लिए घोषणा की थी। एड्स दिवस को हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है, पिछले कुछ सालों में एड्स के मरीजों की संख्या में कमी हुई है जोकि एक अच्छी खबर है।
*>> एड्स के लक्षण क्या हैं <<*
एड्स के लक्षण के बारे में बताएं तो जब यह वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, उसके कुछ ही समय बाद कुछ संकेत देखने को मिलते हैं। शुरुआत में तेज बुखार, शरीर में पसीना आना, थकान, उल्टी, दस्त, शरीर में खुजली जैसे आदि लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलता है। समय रहते अगर इसका इलाज ना करवाए जाए तो यह अपना गंभीर रूप ले लेती है, जिसके चलते लोग अपना जान भी गंवा देते हैं। ऐसे में अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं या फिर किसी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती रहे हैं और यह लक्षण आपके शरीर में देखने को मिल रहा है तो तुरंत एड्स की जांच करवानी चाहिए।
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