कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में जांच के लिए गठित सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (एसएजी) की टीम ने बुधवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम ने पनकी इंडिस्ट्रयल एरिया पुलिस चौकी पहुंचकर रेलवे ट्रैक के पास मिले पटरी के टुकड़े और क्लैंप की जांच पड़ताल की। इसके बाद लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड समेत अन्य 80 लोगों को बयान के लिए बुलाया।
प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर की अध्यक्षता वाली एसएजी की जांच समिति ने सुबह सेंट्रल स्टेशन के कांफ्रेंस रूम में लोको पायलट एपी सिंह बुंदेला, चेतराम मीणा, दिनेश कुमार, सुबोध तिवारी, रोशनलाल, आरपी सिंह, संजय कुरील, संजेश कुमार, धर्मवीर, एके भसीन, रोशनलाल, एमपीएस सिसोदिया, अमित कुमार से पूछताछ की।
इसके अलावा आरपीएफ, जीआरपी, टीटीई, कैरेज एंड वैगन विभाग के स्टॉफ को भी बुलाया गया। जानकारी जुटाने के बाद एसएजी की टीम पनकी और पुराना कानपुर स्टेशन गई। उन्होंने पटरी के टुकड़े को वहां की लाइन पर रखकर जांच की। इसके बाद जूही लोकोशेड में खड़े साबरमती एक्सप्रेस के इंजन की जांच की। यहां अधिकारियों ने स्पीडो मीटर और अन्य कार्ड का परीक्षण किया।
स्पीडो मीटर से स्पीड के साथ ही मौजूदा हालात के बारे में सुराग हासिल करने के बाद जांच अधिकारी शाम को फिर साबरमती एक्सप्रेस के स्टाफ से मिले और कुछ बिंदुओं पर अतिरिक्त बयान लेकर चले गए। सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को भी टीम कुछ कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। बता दें, टीम में चीफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर, चीफ टैक इंजीनियर, चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर, आरपीएफ के डीआईजी शामिल हैं।
गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच शुक्रवार देर रात बोल्डर से टकराकर साबरमती एक्सप्रेस पटरी से नीचे उतर गई थी। रेलवे की ओर से करीब 29 घंटे में नए सिरे से लाइन चालू करा दी गई। उस समय लोहे के स्लीपर लगाकर ट्रैक चालू कराया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को कंक्रीट के स्लीपर लगा दिए गए हैं। लाइन नए सिरे से बन गई है, लेकिन अभी काॅशन जारी रहेगा।
पटरी के टुकड़े को क्लैंप से बांधकर देखा
बयान दर्ज करने और साक्ष्यों को देखने के बाद टीम दो बार घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने रेलवे कर्मचारियों की मदद से दोबारा ट्रैक पर पटरी के टुकड़े को क्लैंप से बांध कर देखा। इसके बाद थाना प्रभारी पनकी मानवेंद्र सिंह से भी इस संबंध में अबतक की जांच पड़ताल के संबंध में बातचीत की।
रेलवे ने आम जनमानस से मांगी जानकारी
प्रयागराज मुख्यालय के सेफ्टी डिपार्टमेंट के डिप्टी चीफ सेफ्टी आफिसर ओपी सिंह की ओर से अधिसूचना सूचना जारी कर आम लोगों से साबरमती एक्सप्रेस के दुर्घटना के संबंध में जानकारी मांगी गई है। प्रयागराज मुख्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि दुर्घटना के संबंध में जिसे भी कोई जानकारी हो वह रेलवे को दे सकता है।
मंगलवार से एएसजी ने शुरू कर दी थी जांच
बता दें कि एएसजी ने गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच शुक्रवार देर रात झांसी की ओर जा रही साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के मामले में मंगलवार से ही जांच शुरू कर दी थी। मंगलवार को टीम ने घटनास्थल और ट्रैक का निरीक्षण किया। जूही लोकोशेड में खड़े ट्रेन के इंजन और रैक की भी जांच की। ट्रेन के स्टॉफ से भी पूछताछ की।
कमेटी में ये लोग हैं शामिल
बुधवार को टीम के अधिकारी लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, गार्ड, टीटीई, आरपीएफ, जीआरपी समेत अन्य रेलवे स्टाफ के बयान लेंगे। एसएजी की जांच समिति में प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर चेयरमैन हैं, जबकि चीफ रोलिंग स्टॉक इंजीनियर, चीफ ट्रैक इंजीनियर, चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर, आरपीएफ के डीआईजी शामिल हैं।
अधिकारियों ने ट्रैक, बोल्डर और प्रभावित पटरियों की नाप कराई
एसएजी के अफसरों नेबुधवार को सबसे पहले पूरे ट्रैक का जायजा लिया। ट्रेन कहां से पटरी से उतरी और इमरजेंसी ब्रेक लगने के बाद कितनी दूरी तक गई। बोल्डर का ट्रैक के संपर्क का आकलन किया। उस पर पड़ने वाले भार की रिपोर्ट ली। अधिकारियों ने ट्रैक, बोल्डर और प्रभावित पटरियों की नाप कराई। आसपास के क्षेत्र का भी जायजा लिया। रेलवे के सिविल, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग और ट्रैक के विशेषज्ञों से विचार विमर्श किया। दोपहर बाद जांच टीम जूही लोकोशेड गई।
आईबी समेत कई जांच एजेंसियां भी कर रही हैं जांच
यहां साबरमती एक्सप्रेस का इंजन और एसी कोच रखे हुए हैं। उनका निरीक्षण भी किया। इंजन के उपकरण और कार्ड सिस्टम का जायजा लिया। समिति तीन दिन तक जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट मुख्यालय भेजेगी। इसके अलावा साजिश की आशंका में पुलिस, एटीएस, आईबी समेत कई जांच एजेंसियां भी जांच कर रही हैं। पनकी औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों के बाहर लगे कैमरों के फुटेज तलाशे जा रहे हैं। उसमें संदिग्धों को देखा जा रहा है।
अनुज सिंह की रिपोर्ट