*उत्तर प्रदेश में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन हाजिरी का विरोध एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। सरकार की ओर से लागू की गई इस नई व्यवस्था के खिलाफ शिक्षकों का विरोध चरम पर है, लेकिन इस विरोध को लेकर अभिभावकों के विचार और भावनाएं भी उतनी ही तीव्र हैं।*
*अभिभावकों की प्रतिक्रिया*
*अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी से शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होती है। उनके अनुसार, यदि शिक्षकों को जनता के टैक्स से वेतन मिलता है तो उन्हें अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभानी चाहिए। अभिभावकों का यह भी कहना है कि शिक्षकों को आदर्श बनकर समाज को दिशा दिखानी चाहिए और देश के जवानों से कुछ सीख लेनी चाहिए। एक सीमा पर तैनात जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं, जबकि कुछ शिक्षक अपने कर्तव्यों का सही तरह से पालन नहीं कर रहे हैं।*
*विरोध और उसकी कुछ वजहें..!*
*शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था में कुछ व्यावहारिक समस्याएं हैं। उन्हें आने जाने में कुछ मुश्किलें है ।*
*हालांकि, कई समाचार रिपोर्ट्स और अभिभावकों की शिकायतें बताती हैं कि कई शिक्षक स्कूल में समय पर नहीं आते और उनकी जगह फर्जी हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। कुछ शिक्षक स्कूल में न आकर भी उपस्थिति दर्ज करा लेते हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ता है।*
*अभिभावकों की मांग*
*अभिभावकों की मांग है कि जो शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी का विरोध कर रहे हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए और उनकी जगह ईमानदार और योग्य शिक्षकों को मौका दिया जाए।*
*अभिभावकों का यह भी कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी से शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार हो सकता है, लेकिन फर्जी उपस्थिति के मामले निपटने के लिए सरकार को फेस डिटेक्टिंग एप जैसे अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए।*
*सरकार की कार्यवाही*
*उत्तर प्रदेश की योगी जी की सरकार सरकारी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए लगातार कड़े और अच्छे फैसले ले रही है, हालांकि विपक्ष लगातार इसका विरोध कर रहा है। सरकार का उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है।*
*शिक्षकों की मांग…!*
*शिक्षकों की भी कुछ मांगें हैं। वे चाहते हैं कि समय पर थोड़ी देरी के मामले में रियायत दी जाए और पढ़ाई के अलावा किसी अन्य विभाग या कार्य में उन्हें न लगाया जाए, क्योंकि उनका मुख्य कार्य पढ़ाना ही है।*
*ऑनलाइन हाजिरी का मुद्दा बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। इसमें एक ओर जहां शिक्षकों की अपनी समस्याएं और चिंताएं हैं, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों की भी उचित मांगें और अपेक्षाएं हैं। इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए सरकार, शिक्षक और अभिभावकों को मिलकर काम करना होगा, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके और बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो सके।
ब्यूरो
असरफ जमाल की रिपोर्ट