अपने सम्बोधन में उन्होंने वैदिक काल से वर्तमान तक की अनेकों विदुषियों तथा वीरांगनाओं का उल्लेख किया। इतिहासकारों ने पन्नाधाय का जन्म भी आठ मार्च १४९० बताया है इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महिला दिवस को राष्ट्र माता पन्नाधाय दिवस के रूप में राजस्थान के साथ ही देश को भी अपनाना चाहिए।
आयोजन का प्रारंभ करते हुए राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव श्री प्रभु चौधरी ने संगठन की यात्रा और सरोकारों के विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की संगठन देश के दस राज्यों में तीस हज़ार सदस्यों के साथ संस्था कार्यरत हैं।
मुख्य वक्ता श्री नानजी भाई गुर्जर ने पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका की विस्तृत चर्चा की। प्रथम सत्र का संचालन डॉ अनीता तिवारी भोपाल ने एवं आभार डॉ रेनू सिरोया कुमुदिनी उदयपुर ने माना।।
द्वितीय सत्र में ग़ाज़ियाबाद से पधारी तुलिका सेठ जी के संचालन में सफल काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। तृतीय सत्र में मातृ शक्ति राष्ट्र शक्ति पर अनेक बहनों ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी का संचालन डॉ अरुणा सराफ प्रदेश महासचिव इन्दौर ने आभार डॉ दिव्या मेहरा इन्दौर ने माना।।। चतुर्थ सत्र के मुख्य अतिथि श्री के एल कोठारी जी ने पन्नाधाय के जीवन संघर्ष का विस्तृत वर्णन किया और जैन धर्म के सिद्धांतों पर चर्चा की।
तत्पश्चात् सभी मातृशक्ति को राष्ट्र माता पन्नाधाय सम्मान तथा पाँच मातृ शक्ति को भारत माता राष्ट्रीय अभिनंदन सम्मान से 40 मातृशक्ति को सम्मानित किया गया। अभिनन्दन समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ प्रभु चौधरी राष्ट्रीय महासचिव उज्जैन श्री मुकेश सिरोया उदयपुर श्री कीर्ति वर्धन जी कवि साहित्यकार मुजफ्फरनगर तथा अध्यक्ष महिला इकाई डॉ शिवा लोहारिया जयपुर ने अध्यक्षता की ।।
सभी अतिथियों को उदयपुरी पगड़ी, अंग वस्त्र तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह में सरस्वती धानेश्वर भिलाई डॉ प्रतिभा येरेकार नांदेड़ डॉ अनीता भाटी गरिमा प्रपन्न सुश्री कविता वशिष्ठ देवास वशीम अहमद शेख नांदेड किरण आचार्य भंवरी गायरी उदयपुर कृष्णा सिंह चितौड़गढ़ संगीता हडके भोपाल मंजू अवस्थी लखनऊ रमेश कुमार यादव इन्दौर आदि उपस्थित रहे।।संचालन डॉ शहेनाज शेख नांदेड़ ने एवं आभार डॉ रेनू सिरोया कुमुदिनी उदयपुर ने माना ।
स्मृति यादव की रिपोर्ट